रासायनिक खाद की उपलब्धता के संकट के समय सरल, असरदार और समग्र समाधान: जायटॉनिक मिनी किट बिहार के मखाना को मिला अपना अलग HS Code, अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ेगा निर्यात और पहचान, जानें लाभ Nili Ravi Buffalo: ‘पंच कल्याणी’ के नाम से है फेमस, एक ब्यांत में देती है 1929 लीटर तक दूध, जानें पहचान और विशेषताएं किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 7 July, 2025 12:00 AM IST
जुलाई में मछली पालकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव: बिहार सरकार की अपील (Image Source: iStock)

Fish Farming Tips: जुलाई माह में मछली पालकों के लिए बिहार सरकार के मत्स्य निदेशालय द्वारा कुछ जरूरी सुझाव जारी किए गए हैं, जिनका पालन कर मछली उत्पादन को बेहतर बनाया जा सकता है. इन निर्देशों में मछलियों को दिए जाने वाले आहार की मात्रा और उसमें मिलाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दी गई है. खासतौर पर बुढ़ार तालाबों में मछलियों को कुल शरीर भार के अनुसार 2 से 3 प्रतिशत आहार देने की सलाह दी गई है. साथ ही, पूरक आहार में मिनरल मिक्सचर और प्रोबायोटिक्स मिलाने से मछलियों की सेहत और उत्पादन क्षमता में सुधार होगा.

आइए आज के इस आर्टिकल में हम जुलाई माह में मछली पालकों को किन-किन बातों का ध्यान रखना है. इसके बारे में यहां विस्तार से जानते हैं.

मछली के आहार की मात्रा

विभाग की ओर से कहा गया है कि जुलाई माह में बुढ़ार तालाबों में मछलियों को दिया जाने वाला पूरक आहार उनके कुल शरीर भार का 2 से 3 प्रतिशत तक ही होना चाहिए. इससे मछलियों की सेहत बनी रहेगी और तालाब में जल प्रदूषण की संभावना भी कम होगी. यानी की आपको मछली के कुल शरीर भार के अनुसार करें आहार का निर्धारण करना है.

पोषण में मिलाएं मिनरल मिक्सचर और प्रोबायोटिक्स

मछली पालकों को बेहतर परिणाम और स्वस्थ मछली उत्पादन के लिए पूरक आहार में कुछ आवश्यक पोषक तत्व मिलाने की सलाह दी गई है. प्रति किलो पूरक आहार में 10 ग्राम मिनरल मिक्सचर और 5 ग्राम गट प्रोबायोटिक्स का प्रयोग अनिवार्य बताया गया है. यह मिश्रण मछलियों की पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.

उत्पादन बढ़ाने के लिए सही तकनीक अपनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम में यदि सही तकनीकों का पालन किया जाए और संतुलित आहार दिया जाए, तो मछली पालन में उत्पादन की गुणवत्ता के साथ-साथ मात्रा भी बेहतर हो सकती है. साथ ही तालाब की साफ-सफाई और जल की गुणवत्ता बनाए रखना भी अत्यंत आवश्यक है.

सरकार की पहल से बढ़ेगा लाभ

बिहार सरकार द्वारा समय-समय पर मछली पालकों के लिए इस तरह की जानकारियां और दिशा-निर्देश जारी करना, राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है. विभाग की इस पहल से छोटे किसान और मछली पालक लाभान्वित होंगे और उनकी आमदनी में भी वृद्धि होगी.

English Summary: fish farming tips bihar July guidelines for fish farmers
Published on: 07 July 2025, 12:44 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now