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Updated on: 21 July, 2025 12:00 AM IST
मुर्गी पालन में अजोला का बढ़ता उपयोग (सांकेतिक तस्वीर)

आज के समय में मुर्गी पालन (Poultry Farming) एक प्रमुख व्यवसाय बनता जा रहा है. खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बड़ी संख्या में इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. इसकी वजह है कि इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है. मुर्गियों से मिलने वाले अंडे और मांस की मांग शहरों और गांवों दोनों में लगातार बढ़ रही है. इसी को देखते हुए अब मुर्गी पालक अपने उत्पादन को बेहतर करने के लिए नए और सस्ते विकल्पों की तलाश कर रहे हैं.

इन्हीं विकल्पों में एक अनोखा और कारगर विकल्प अजोला (Azolla) है. अजोला एक तरह की जलकुंभी जैसी वनस्पति है, जो पानी की सतह पर उगती है. इसे पशु चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और अब मुर्गियों को खिलाने के लिए भी अपनाया जा रहा है.

क्या है अजोला?

अजोला एक जलीय फर्न है जो तालाब, झील या धीमी बहाव वाले पानी में आसानी से उगाई जा सकती है. यह बिना किसी केमिकल या उर्वरक के तैयार होता है और पूरी तरह प्राकृतिक होता है. इसे "पशुओं का ड्राई फ्रूट" भी कहा जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन और पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है.

मुर्गियों को अजोला खिलाने के फायदे

  1. अंडा और मांस उत्पादन में वृद्धि
    अजोला में भरपूर पोषण होता है. अगर मुर्गियों को नियमित रूप से 10-15 ग्राम अजोला प्रतिदिन दिया जाए, तो उनके वजन में और अंडा उत्पादन में 10-15% तक बढ़ोतरी देखी जा सकती है.
  2. प्रोटीन का अच्छा स्रोत
    अजोला में लगभग 20-30 प्रतिशत तक प्रोटीन पाया जाता है, जो मुर्गियों की वृद्धि और अंडा उत्पादन के लिए जरूरी होता है.
  3. पोषक तत्वों से भरपूर
    इसमें विटामिन A, B12, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और आवश्यक अमीनो एसिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं.
  4. आहार की लागत में कमी
    अजोला को मुर्गियों के मुख्य आहार के साथ मिलाकर खिलाया जा सकता है, जिससे चारे की कुल लागत कम हो जाती है. यह छोटे और मध्यम स्तर के किसानों के लिए किफायती विकल्प है.
  5. जैविक और प्राकृतिक विकल्प
    अजोला पूरी तरह जैविक और रासायनमुक्त है. इससे मुर्गियों को कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और यह पूरी तरह सुरक्षित आहार है.
  6. पाचन तंत्र के लिए लाभदायक
    इसमें मौजूद फाइबर मुर्गियों के पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर रहता है.

कैसे करें अजोला की खेती?

अजोला की खेती बहुत ही आसान है. इसे प्लास्टिक की शीट में एक छोटा तालाब बनाकर भी उगाया जा सकता है. उसमें गोबर या वर्मी-कंपोस्ट मिलाकर अजोला के बीज डाले जाते हैं. 5-7 दिनों में यह उग जाता है और रोज़ाना इसकी कटाई करके मुर्गियों को दिया जा सकता है.

English Summary: Poultry farming benefits of azolla feed for hens
Published on: 21 July 2025, 02:52 IST

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