हमारे देश के कई परिवार भेड़ पालन व्यवसाय पर निर्भर हैं. यह कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाला व्यवसाय है. भेड़ पालन से मांस के साथ ऊन, खाद, दूध, चमड़ा, जैसे कई उत्पाद प्राप्त होते है. यूपी, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक जैसे कई राज्यों में इनका पालन होता है. इस व्यवसाय के लिए कई राज्यों में योजनाएं भी चलाई जा रहीं हैं, जिनके द्वारा इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं. जब भेड़पालक बाजार से भेड़ खरीदता हैं, तो वह कई बार ठगी का शिकार हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें भेड़ खरीदने की अच्छी जानकारी नहीं होती है, इसलिए भेड़पालक को कुछ खास बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
भेड़ खरीदते समय इन बातों को ध्यान में रखें (Keep these things in mind when buying sheep)
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भेड़ 1 से 2 साल की होनी चाहिए, जिसके 2 से 4 दांत हों.
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उनके शरीर में खुजली नहीं होनी चाहिए.
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भेड़ो के प्रजनन की जांच कर लें.
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ऐसी भेड़ न खरीदें, जो ब्याई न गई हो.
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अगर भेड़ के 6 दाँत टूटे हुए हैं, तो वह भेड़ एकदम न खरीदें.
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लंगडी, ऊन गिरने वाली, उदास भेड़ नहीं खरीदनी चाहिए.
भेड़ को सफर में ले जाने की व्यवस्था (Arrangements for carrying sheep)
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भेड़ को रास्ते में खिलाने के लिए हरे चारे की व्यवस्था कर लेनी चाहिए.
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भेड़ को ले जाने वाले वाहन की रफ्तार ज्यादा तेज या ज्यादा धीमी नहीं होनी चाहिए, साथ ही गाड़ी में ब्रेक ध्यान से लगाएं.
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भेड़ों को पानी पिलाते रहना चाहिए.
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भेड़ो को गाड़ी से सावधानी से उतारें.
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ध्यान दें कि भेड़ गाड़ी से कूदने न पाए.