डेयरी फार्मिंग: कांकरेज गाय देशी नस्ल की गाय होती है. यह भारत के गुजरात और राजस्थान राज्य में पाई जाती है. यह गाय देश में अपनी दूध उत्पादन की क्षमता के लिए प्रसिध्द है. इस नस्ल की गाय दिन में 6 से 10 लीटर दूध देती है. कांकरेज किस्म की गाय और बैल दोनों की ही बाजार में बहुत मांग है. इनका उपयोग दूध के साथ-साथ कृषि कार्यों के लिए भी किया जाता है. इसे लोकल भाषा में वागडिया, वागड़, बोनाई, नागर और तलबाडा आदि नामों से जाना जाता है. आइए आज हम आपको कांकरेज गाय से जुड़ी विशेषताओं के बारे में बताते हैं.
गाय की विशेषताएं
कांकरेज नस्ल की गायें एक महीने में औसतन 1730 लीटर तक दूध देती है. इस गाय के दूध में वसा 2.9 और 4.2 प्रतिशत के बीच पाया जाता है. इसके वयस्क बच्चों की लंबाई 25 सेमी है, जबकि वयस्क बैल की औसत ऊंचाई 158 सेमी होती है. इन गायों का वजन 320 से 370 किलोग्राम होता है. कांकरेज किस्म के मवेशी सिल्वर-ग्रे और आयरन ग्रे रंग के होते हैं. इसका खान-पान काफी अच्छा होता है. इन गायों को पर्याप्त चारे, पानी और खली की आवश्यकता होती है.
कीमत
इन गायों की कीमत बाजार में आम तौर पर उम्र और नस्ल के आधार पर तय की जाती है. बाजार में इस गाय की कीमत 25 हजार रुपये से लेकर 75 हजार रुपये तक की है. कई राज्यों में इसकी कीमत और भी ज्यादा है.
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पालन का तरीका
कांकरेज गायों को गर्भ के दौरान विशेष देखभाल की जरुरत होती है. इस दौरान इसे रोगों से बचाने के लिए समय-समय पर टीकाकरण की जरुरत होती रहती है. इससे बछड़े बेहतर और स्वस्थ पैदा होते हैं और दूध की पैदावार भी अधिक होती है.