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Updated on: 13 February, 2021 12:00 AM IST
Goat Farming

केंद्र व राज्य सरकार की ओर से खेती के साथ सहायक व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं. जिनका फायदा उठा कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. उन्हीं व्यवसायों में से एक व्यवसाय बकरी पालन (Goat Farming Business) भी है.

आमतौर पर बकरी पालन (Goat Farming) भारत के हर एक इलाकों में की जाती है, हालांकि बकरियों की कुछ नस्लें ऐसी भी हैं जिनका पालन देश के कुछ ही इलाकों में किया जाता है, उन्हीं में से एक बीटल नस्ल की बकरियां है. ऐसे में आइये जानते हैं बीटल नस्ल की बकरी के बारे में-

बीटल नस्ल की बकरियां (Beetal Breed Goats)

बीटल नस्ल की बकरियां मुख्य रूप से पंजाब प्रांत के गुरदासपुर जिला के बटाला अनुमंडल में पायी जाती है. यह बकरियों की यह नस्ल विश्व प्रसिद्ध है पंजाब से लगे पाकिस्तान के क्षेत्रों में भी इस नस्ल की बकरियां उपलब्ध है. इसका शरीर भूरे रंग पर सफेद-सफेद धब्बा या काले रंग पर सफेद-सफेद धब्बा लिए होता है. यह देखने में जमुनापारी बकरियां जैसी लगती है परन्तु ऊँचाई एवं वजन की तुलना में जमुनापारी से छोटी होती है.

बीटल नस्ल की बकरियों का पहचान (Beetal  Breed Goats Identified)

बीटल नस्ल की बकरियों का कान लम्बा, चौड़ा तथा लटकता हुआ होता है. वहीं, नाक उभरा रहता है. कान की लम्बाई एवं नाक का उभरापन जमुनापारी की तुलना में कम होता है. सींग बाहर एवं पीछे की तरफ घुमा रहता है.

बीटल नस्ल की बकरियों से लाभ (Benefit from Beetal  Breed Goats)

बीटल नस्ल का वयस्क नर का वजन तकरीबन 55-65 किलो ग्राम होता है तथा बीटल नस्ल की बकरियों वजन 45-55 किलो ग्राम होता है. इसके बच्चों का जन्म के समय वजन 2.5-3.0 किलो ग्राम होता है. इसका शरीर गठीला होता है.

जांघ के पिछले भाग में कम घना बाल रहता है. इस नस्ल की बकरियां औसतन 1.25-2.0 किलो ग्राम दूध प्रतिदिन देती है. इस नस्ल की बकरियां सलाना बच्चे पैदा करती है एवं एक बार में करीब 60% बकरियां एक ही बच्चा देती है.

English Summary: Goat Farming: Earn Huge Profits by Following Beetle Breed Goats
Published on: 13 February 2021, 03:57 IST

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