अक्सर हम जीव जंतुओं के भोजन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, जिस तरह से मनुष्य को अपने खान पान का विषेश ध्यान देना पड़ता है वैसे ही पालकों को भी अपने पशुओं का विषेश ध्यान रखना चाहिए. आज हम आपको बताएंगे कि बकरियों और मुर्गियों को कैसा आहार खिलाना चाहिए..
बकरी एक ऐसा पशु है जिससे हमें दूध व मांस दोनों मिलता है, पालकों के लिए यह एक सकरात्मक बिंदु है, और मुनाफा भी अधिक कमाया जा सकता है. बकरी एक जुगाली करने वाला पशु है लेकिन दूसरे पशुओं के मुकाबले खाने की आदतें अलग होती है. बकरी अपने शरीर के वजन का 3-4 प्रतिशत तक सूखा पदार्थ आराम से ग्रहण कर सकती है. बकरी के आहार को मुख्य तोर पर दो भागों में बाँटा जा सकता है-
चारा
चारे के रूप में पालक अपनी बकरियों को अनाज वाली फसलों से प्राप्त चारा, फलीदार हरे चारा, पेड़-पौधों की पत्तियों का चारा, विभिन्न प्रकार की घास आदि खिलाना चाहिए. क्योंकि बकरियां अपने हिलने डुलने वाले ऊपरी होंठों तथा जिव्हा की सहायता से वे बहुत छोटी घास एवं पेड़ के पत्ते तथा झाड़ियों की पत्तियों को आसानी से खा जाती है.
दाना
दाना वह पदार्थ है जिसमें नमी व क्रूड फाइबर की मात्रा अपेक्षाकृत कम, परंतु प्रोटीन की मात्रा प्रचुर होती है. दाने अधिक पाचनशील भी होते हैं. दूध देने वाली बकरियों को जीवन निर्वाह के लिए 150 ग्राम के अतिरिक्त 300-400 ग्राम दाना प्रति किलोग्राम दूध के हिसाब से प्रति बकरी को देना आवश्यक है.
मुर्गियों के लिए संतुलित आहार
मुर्गी से हम अण्डा और मांस दोनों प्राप्त करते हैं, मुर्गी पालन एक अच्छा आय का स्त्रोत है. पालको को मुर्गियों के आहार पर विषेश ध्यान देने की जरुरत है, जिससे पालकों को और अच्छी आय मिल सके, आज हम आपको बताएंगे मुर्गियों के आहार के बारे में-
पानी आहार प्रमुख होता है जो दाने को नरम करने व पचाने, हजम हुए भोजन को खून में ले जाने, शरीर का तापमान बनाएं रखने तथा शरीर से खराब तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है, इसलिए समय-समय पर मुर्गियों को पानी पिलाना, हरा चारा खिलाते रहे, जिसमें पानी की मात्रा अधिक होती है.
मुर्गियों में ऊष्मा ऊर्जा एवं उत्पादकता के लिए जरुरी है कि दाना जैसे पीला मक्का, ज्वार, चावल, आदि पर्याप्त मात्रा में खिलाते रहें.
मुर्गियों के मांस प्रोटिन के लिए ही खाया जाता है, और अण्डा भी मिलता है इसलिए मुर्गियों में प्रोटीन की मात्रा बरकरार रखने के लिए जरुरी है कि मूंगफली, तिल व सोयाबिन की खली दाल का छिलका, मछली का चुरा, हरा चना खिलाएं.