हिमाचल प्रदेश में पहली बार कड़कनाथ मुर्गों का पालन किया जाएगा. इससे किसानों की आय सुदृढ़ होगी और लोगों के लिए रोज़गार के साधन भी खुलेंगे. क्योंकि यह मुर्गी की नस्ल काफी महंगी होती है और इसके अंडे और चिकन भी बाजार में काफी महंगा बिकता है.
प्रदेश में कई जगह लोग कड़कनाथ मुर्गे पाल रहे हैं. बाजार में इसका एक चूजा 70 से 150 रुपये तक मिलता है. कड़कनाथ मुर्गों की पहचान करना बेहद आसान है. कड़कनाथ मुर्गा काले रंग का होता है. इसकी कगली टांगें और आंखों का रंग काला होता है. यह मुर्गा वजन में एक से डेढ़ किलो का रहता है. मुर्गे का मांस भी काले रंग का होता है.
हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद है मुर्गे का मांस (Chicken meat is beneficial for heart patients)
कड़कनाथ मुर्गे का मांस प्रोटीन से भरपूर होता है. अन्य मुर्गों के मुकाबले इसमें भारी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. इसके अलावा इस मुर्गे में अमीनो एसिड भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
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खास बात यह है कि कड़कनाथ मुर्गे के मांस में बेहद कम कोलेस्ट्रोल होता है, जो हृदय रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है. कड़कनाथ मुर्गे का मांस बाजार में 800 से एक हजार रुपये तक प्रति किलो होता है.