RFOI Awards 2024: नीतूबेन पटेल के सिर सजा 'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड का ताज: कृषि उद्यमिता और प्राकृतिक खेती में अद्वितीय योगदान की मिली मान्यता RFOI Awards 2024: युवराज परिहार को MFOI अवार्ड्स 2024 में मिला ‘फ़र्स्ट रनर-अप रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया’ अवार्ड MFOI Award 2024: भारत के प्रगतिशील किसानों का भव्य सम्मान समारोह, कार्यक्रम में सैकड़ों कृषकों ने लिया भाग केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 3 January, 2022 12:00 AM IST
Duck Rearing

बत्तख पालन पशुपालन करने वाले किसानों के लिए एक अच्छा व्यवसाय है. क्योंकि इसमें मुनाफा लागत के अनुसार काफी अधिक होता है. छोटे और मध्यवर्गीय किसानों की अगर बात करें तो उनके लिए यह बेहतर विकल्प हो सकता है. इसमें लागत काफी कम लगती है और मुनाफा काफी बड़ा.

मुर्गी के अण्डों के बनिस्पत बत्तख के अण्डों में कहीं ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है. आगर आप भी बत्तख पालन करते है तो आपको इससे बहुत अधिक लाभ मिलेगा. आइये बताते हैं बत्तख पालन में किस नस्लों का पलना करना चाहिए और क्यूँ  

बत्तख पालन के लाभ (Benefits Of Duck Farming)

  • बत्तख गैर-जोखिम वाली होती हैं

  • कई रोगों से लड़ने की क्षमता इसमें होती है.

  • अंडा उत्पादन अधिक होता है.

  • अंडे पौष्टिक होते हैं, और बाजार में इसकी मांग और कीमत दोनों अधिक है.

  • बत्तख मांस अपनी स्वादिष्टता के लिए जाना जाता है और लोग इसे पसंद करते हैं

  • ज्यादा आवास की आवश्यकता नहीं है

  • घोंघा, स्लग आदि जैसे कीटों को मारता है.

बत्तख की नस्लें (Duck Breeds)

  • कुछ बत्तख की नस्लें मांस के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है, और कुछ अण्डों के उत्पादन के लिए हैं. हालाँकि, दोहरे उद्देश्य वाली बत्तख की नस्लें भी हैं. अपने व्यावसायिक लक्ष्य के आधार पर, सही बत्तख की नस्ल चुनें.

  • अंडा उत्पादन के लिए बतख की नस्लों में भारतीय धावक, सफेद और भूरे रंग के भारतीय धावक और खाकी कैंपबेल बतख शामिल हैं.

  • मांस उत्पादन के लिए बत्तख की नस्लों में मस्कोवी, आयल्सबरी, स्वीडन, रुएल कगुआ और पेकिंग बतख शामिल हैं.

  • वहीँ बात करें मांस और अंडे दोनों के लिए बतख की नस्लों में खाकी कैंपबेल बत्तख अच्छी होती हैं.

बत्तख पालन के लिए जरुरी बातें (Important Things For Duck Farming)

  • सबसे पहले बत्तख के चूजों का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है.

  • अगर तापमान में गिरावट दर्ज हो रही हो तो चूजों के लिए सावधानी रखनी होती है, क्यूंकि ये बहुत नाज़ुक होते हैं और मौसम के प्रभाव से जल्दी बीमार हो जाते हैं. 

  • बत्तख पालन की जगह में 200 वॉट का ऊपरी शेड लगा बल्ब फर्श से 2 फूट की ऊंचाई पर लगाएं.

  • अंडों से निकले चूजों को फर्श पर रखने से पहले चटाई जरूर बिछाएं.

  • चूजों को टूटे चावल का बारीक दाना, पानी में भिगो कर दें.

  • एक महीने बाद ही चूजों को तालाब में छोड़ें, लेकिन शिकारी जानवरों से रक्षा का प्रबंध करें.

  • सही मात्रा में अंडा उत्पादन बना रहे, इसके लिए पशुपालक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बत्तखों के प्रजनन के लिए तालाब या किसी अन्य स्रोत को बेहतर स्थिति में रखे.

अंडे का उत्पादन (Egg Production)

देशी बत्तख की नस्ल एक साल में 100 से 130 के बीच अंडे देती है. मस्कॉवी नस्ल एक साल में लगभग 40 से 45 अंडे देती है. भारतीय धावक नस्ल एक साल में लगभग 250 अंडे देती है. और खाखी कैंपबेल एक साल में लगभग 300 अंडे देती है.

English Summary: Duck rearing will increase the income of cattle farmers
Published on: 03 January 2022, 05:59 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now