बकरियां भारत में मुख्य मांस उत्पादक जानवरों में से हैं, जिनका मांस सबसे अच्छे मांस में से एक है और इसकी घरेलू मांग बहुत अधिक है. इसके साथ ही बाजार में बकरी के दूध की भी मांग काफी है. जिसको देखते हुए बकरी पालन के व्यवसाय में निरंतर वृद्धि हो रही है. पालक बकरी के व्यवसाय से एक अच्छी आय भी प्राप्त कर रहे हैं, या कहें की उनके लिए यह मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है.
छोटे व सिमांत ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों व आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं के लिए बकरी पालन का बिजनेस उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है. बकरी पालक वैज्ञानिक विधि को अपनाकर सफल बन रहे हैं और अपनी आय में बढ़ोतरी कर रहे हैं. इसी कड़ी में बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (Bihar Rural Livelihood Promotion Society) की पहल शुरू की है. इसके तहत सरकार बकरी पालक को सही तकनीक भी बता रही है. यह योजना शुरू होने के बाद ग्रामिण क्षेत्रों में बकरियों की मृत्यु दर में कमी भी आ रही है.
बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के तहत बकरी पालकों को सही तरीके से बकरी पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसके लिए ग्रामीण स्तर पर 40 परिवारों को एक साथ लाकर उनका एक समूह बनाया जाता है. जिसके तहत बकरी पालकों को बकरी के रख रखाव व देखभाल से संबंधित जानकारी दी जा रही है.
पशु सखी मॉडल
बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के तहत बकरी पालन का अनुभव रखने वाले स्वंय सहायता समूह के लोगों को 15 दिनों की ट्रेनिंग दी जाती है, जिन्हें पशु सखी कहा जाता है. यह लोक बकरी पालकों की मदद करते हैं, जिसमें बकरी की सही नस्ल का चुनाव, प्रजनन के लिए सही बकरे का चुनाव, बकरियों का चारा, बकरियों के रहने की व्यवस्था, टीकाकरण आदि शामिल है.
पालकों के साथ बैठक
इसके साथ ही बकरी पालकों को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र के अनुसार पालकों को नर व मादा बकरियां दी जाती हैं, ताकि वह उनके माध्यम से व्यापार कर सकें. इसमें कोई दोराय नहीं है कि बकरी से दूध व मांस कि आपूर्ती पूरी की जाती है, जिसके लिए जरुरी है कि बकरियों को उच्च गुणवत्ता वाला आहार भी मिले. पालकों को बकरी के सही आहार पर खासा ध्यान देने की आवश्यकता होती है. बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी इसके लिए आहार व चारे की सही जानकारी पालकों को प्रदान कर रही है. इसके अलावा कोई अन्य समस्या होने पर पशुपालकों के साथ सीधे बैठक की जाती है.
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बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की पहल
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बकरियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराने हेतु कुल 1445 पशु सखी बनाए गए हैं.
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इसके तहत बिहार राज्ये के 18 जिलों के कुल 1.15 लाख बकरी उत्पादकों को लाभ पहुंच रहा है.
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बकरी पालकों के घर तक ही बकरियों के टीकाकरण की सुविधा दी जा रही है.