Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 9 August, 2023 12:00 AM IST
Fish farming

किसानों और पशुपालकों के लिए आज के आधुनिक समय में कई सारे बिजनेस है, जिससे वह कम समय में लाभ प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन किसी भी व्यवसाय से लाभ पाने के लिए व्यक्ति को कई बातों का ध्यान रखना होता हैं. अगर आप मछली पालन (Fish farming) कर रहे हैं, लेकिन जितनी आप लागत लगाते हैं उतना कम आपको फल मिलता है. इसका मुख्य कारण यह है कि तालाब में कई सारी मछलियां पहले ही मर जाती है.

आप एक तालाब में करीब 100 मछली के बीज (fish seed) डालते हैं, तो उनमें से 25 से 35 फीसदी ही पल पाती हैं. भारतीय बाजार में मछली पालन के बीज में सबसे अधिक बिकने वाला बीज जीरा साइज है. तो आइए के इस लेख में हम आपको आज बताएंगे कि एक मछली पालन (Fisheries) में कितने दिन का समय लगता है और उसके लिए आपको क्या-क्या करना होता है.

देश के किन हिस्सों में तैयार की जाती है बीज

मिली जानकारी के मुताबिक, भारत के आंध्र प्रदेश के साथ दूसरी जगहों से भी मछली पालन के बीज (fish farming seeds) तैयार किए जाते हैं. जैसा कि आपको ऊपर बताया गया कि सबसे ज्यादा बिकने वाला व उन्नत बीज जीरा साइज है. बता दें कि इसके एक-एक हजार बीज के पैकेट बाजार में मिलते हैं.

इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की आवश्यकता नहीं है. बस पैकेट को बाजार से खरीदकर लाना है और फिर बीजों को तालाब में डाल देना है. लेकिन ऐसा करने से आपको अधिक लाभ नहीं मिलेगा. देखा गया है कि पैकेट में उपलब्ध बीज ज्यादातर ट्रांसपोर्ट के दौरान ही खराब हो जाते हैं.

बीजों को नर्सरी में रखें

अगर आप पैकेट वाले मछली के बीज को सबसे पहले नर्सरी में लगाते हैं, तो बीज 35 से 40 प्रतिशत तक सफल रहते हैं. लेकिन इस प्रक्रिया में 3 से 6 महीने तक का समय लगता है. इस दौरान आपको बीज को सरसों की खल (mustard seed) व चावल के छिलके का चूरा खिलाया जाता है. ऐसा करने से मछली शुरुआत से ही स्वास्थ्य रहती है.

मछली पालन के लिए तालाब का पानी सबसे अहम भूमिका निभाता है. पानी स्वच्छ होना चाहिए और साथ ही तालाब के अंदर मछलियों को खाने के लिए कुछ न कुछ जरूर देते रहे. ताकि वह स्वस्थ रहे और हो सके तो उन्होंने जितना हो सके बीमारी से दूर रखें.

ये भी पढ़ें: SBI पशुपालन लोन की सुविधा पशुपालक ऐसे करें प्राप्त

अगर आप तालाब में भैंसें को उतारा है, तो आप रोहू, कतला और नैनी ब्रीड जैसी मछलियों लगभग 18 महीने में सरलता से प्राप्त कर सकते हैं. इनका वजन 2 किलों से भी कहीं अधिक आपको प्राप्त होगा. भारत के कई राज्यों में इस तरह की मछलियों को खास पसंद किया जाता है.

English Summary: Big fishes will be available from the pond, adopt this method
Published on: 09 August 2023, 04:23 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now