Goat Farming: हमारे देश में किसानों व पशुपालकों के द्वारा काफी बड़े स्तर पर बकरियों की पालन किया जाता है. क्योंकि यह कम खर्च में सरलता से पल जाती है. देखा जाए तो भारत में मौजूद बकरियों की कुल उन्नत नस्लें 75 प्रतिशत से भी कहीं अधिक है. गौरतलब है कि आज के दौर में भी ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर लोग बकरी पालन करना काफी अधिक पसंद करते हैं. क्योंकि बकरी ऐसा पशु हैं, जो सरलता से किसी भी वातावरण को सहन कर सकती है.
अगर आप भी बकरी पालन करने के बारे में विचार कर रहे हैं, तो ऐसे में आज हम आपके लिए बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लों/ Top 5 Breeds of Goat की जानकारी लेकर आए हैं. जिन बकरियों की नस्ल की हम बात करने जा रहे है, वह किसानों की आय बढ़ाने में काफीस मददगार साबित हो सकती है. आइए इन नस्लों के बारे में विस्तार से जानते हैं...
बकरियों की टॉप 5 उन्नत नस्लें/ Top 5 Breeds of Goats
जमुनापारी बकरी (Jamunapari Goat)
बकरी की जमुनापारी नस्ल ज्यादातर इटावा, मथुरा आदि जगहों पर पाई जाती है. इस बकरी को खासतौर पर दूध और मांस दोनों उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पाला जाता है, यह बकरियों में पाई जाने वाली सबसे अच्छी नस्ल मानी जाती है. इस नस्ल की बकरी सफेद रंग की होती है और इसके शरीर पर हल्के भूरे रंग के धब्बे होते हैं, कान का आकार भी काफी लम्बा होता है. वही, अगर हम इस बकरी के सींग की बात करें तो वे 8 से 9 से.मी. लम्बे और ऐठन लिए होते हैं. इसका दूध उत्पादन 2 से 2.5 लीटर प्रतिदिन तक होता है.
बरबरी बकरी (Barbari Goat)
बकरी की बरबरी नस्ल ज्यादातर एटा, अलीगढ़ तथा आगरा जिलों में अधिक पाई जाती है. यह ज्यादातर मांस उत्पादन के लिए उपयोग में लाई जाती है. इसका आकार छोटा होता है और रंग की भिन्नता होती है. इस नस्ल की बकरी के कान का आकार नली की तरह मुड़ा हुआ होती है. इस नस्ल की कई बकरियां सफेद होती है. उनके शरीर पर भूरे धब्बे होते है और कई भूरे रंग की होती है. इसके अलावा बरबरी नस्ल की बकरी पर सफेद धब्बे पाए जाते हैं.
बीटल बकरी (Betel Goat)
बीटल बकरी की नस्ल पंजाब में अधिक पाई जाती है. बकरी की यह नस्ल ज्यादातर दूध उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती है. इसका आकार देखने में बड़ा होता है और साथ ही इसका रंग काला होता है पर शरीर पर सफेद या फिर भूरे धब्बे पाए जाते हैं, बाल भी छोटे तथा चमकीले होते हैं. बीटल बकरी के कान लम्बे और नीचे को लटके हुए होते हैं इसके अलावा इस बकरी का सर अंदर मुड़ा हुआ होता है.
कच्छी बकरी (Kutch Goat)
बकरी की कच्छी नस्ल गुजरात के कच्छ में पाई जाती है. यह नस्ल ज्यादातर दूध उत्पादन के लिए उपयोग में लाई जाती है. इसका आकार देखने में बड़ा होता है और इसके बाल लंबे व नाक थोड़ी उभरी हुई दिखा देते हैं. कच्छी बकरी के सींग मोटे, नुकीले और बाहर की तरफ हल्के उठे हुए होते हैं. इस नस्ल की बकरी के थन भी काफी विकसित होते हैं.
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गद्दी बकरी (Gaddi Goat)
बकरी की गद्दी नस्ल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में पाई जाती है. यह ज्यादातर पश्मीना आदि के लिए पाली जाने वाली नस्ल है. इसके कान 8.10 सेमी. तक लम्बे होते हैं और सींग भी काफी नुकीले होते हैं. कुल्लू घाटी में इसे ट्रांसपोर्ट के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.