Dairy Farming: डेयरी फार्मिंग के लिए 42 लाख रुपये तक के लोन पर 33% तक की सब्सिडी, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया PM Kisan Yojana Alert: जिन किसानों का नाम लिस्ट से हटा, आप भी उनमें तो नहीं? अभी करें स्टेटस चेक Success Story: सॉफ्टवेयर इंजीनियर से सफल गौपालक बने असीम रावत, सालाना टर्नओवर पहुंचा 10 करोड़ रुपये से अधिक! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 12 July, 2020 12:00 AM IST

आज कृषि जागरण के Farmer The Brand अभियान के तहत फेसबुक लाइव से प्रवीन गौर जी जुड़ें. जोकि ब्रांड प्रभु गव्य के संस्थापक भी हैं. प्रवीन जी विगत कई वर्षों से गौ पालन कर रहे हैं. उनकी गौशाला में गाय की जितनी भी नस्लें हैं, सभी देशी नस्ल की हैं. उन्होंने इस दौरान गौ महिमा पर प्रकाश डालने के साथ ही देसी गाय से होने वाले फ़ायदों के बारे में बताया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कृषि जागरण ने #farmerthebrand अभियान की पहल की है, जिसके तहत देशभर के किसानों  और पशुपालकों को अपनी बात को रखने का मौका दिया जा रहा  है. ऐसे में आइये जानते हैं प्रवीन जी ने आज क्या – क्या कहा  -

देश में लोगों को तमाम तरह की समस्याएं होती हैं. उन समस्याओं का कारण क्या है, कोई नहीं बताता है. लेकिन मेरा मनाना है की इन सब की एक मात्र वजह जर्सी गाय के दूध का सेवन है. भारत ऋषि मुनियों का देश हैं यहाँ पर सदियों से गौ पालन होता आया है और लोग इसका सेवन करते आए हैं. लेकिन जर्सी गाय प्राकृतिक न होकर अप्राकृतिक है, इसलिए इसके दूध के सेवन से कई तरह की समस्याएँ होती है.

उन्होंने आगे कहा, “शास्त्रों  में भी ऋषियों-महर्षियों ने गौ की अनंत महिमा लिखी है. उनके दूध, दही़, मक्खन, घी, छाछ, मूत्र आदि से अनेक रोग दूर होते हैं. गोमूत्र एक महौषधि है. इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम क्लोराइड, फॉस्फे ट, अमोनिया, कैरोटिन, आदि पोषक तत्व मौजूद रहते हैं इसलिए इसे औषधीय गुणों की दृष्टि से महौषधि माना गया है.

उन्होंने आगे कहा, आयोडिन की मात्रा लेने के लिए हम आयोडिन नमक का सेवन करते हैं लेकिन ये आयोडिन की मात्रा हमारे शरीर में हरी सब्जियों और दालों से शरीर में चला जाता है. ऐसे में आयोडिन नमक का सेवन न करें तब भी हमें कुछ नहीं होगा. ठीक वैसे ही रिफ़ाइन तेल समेत अन्य तेल वाले जो उत्पाद हैं वह भी हमरे सेहत के लिए नुकसानदेह होते हैं. ऐसे में इन सब से बचने के लिए हमें देशी गाय से बनें ऑइली उत्पाद का सेवन करना चाहिए.

उन्होंने कहा, दूध से दही में तब्दील करने के लिए हमारी माताएँ और बहने दूध के सामने हाथ जोड़ती हैं लेकिन उनको मंत्र नहीं पता होता है कि उन्हें बोलना क्या है. दही एक समय के बाद खट्टा हो जाता है जिसके बाद उससे घी निकाल लिया जाता है. उस घी को हमें चीनी मिट्टी के बर्तन में रखना चाहिए. ताकि उसका समयकाल बढ़ सकें. इसके अलावा उन्होंने लोगों से अनुरोध किया आपलोग जितना हो सके प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करने के साथ ही प्रकृति के नजदीक रहें.

पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें-

https://bit.ly/3fgX5hQ
https://bit.ly/3048rzc

English Summary: Benefit from cow dung: Take bath with ash made from cow dung, will always remain disease free
Published on: 12 July 2020, 01:40 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now