सिरोही बकरी बिजनेस के लिहाज से काफी फायदे का सौदा मानी जाती है. इसका नाम राजस्थान के सिरोही जिले के नाम पर पड़ा है. सिरोही के अलावा जयपुर, अजमेर और यूपी में इस ब्रीड की बकरी पाली जाती है. इस बकरी की खासियत ये है कि यह कड़े मौसम में भी पल बढ़ जाती है. इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) ने इस बारे में एक सफल कारोबारी की कहानी भी शेयर की है.
इसमें मध्यप्रदेश के धार जिले के दीपक के बारे में बताया गया है, जिसने 2001 में अपने गांव में बकरी पालन शुरू किया. शुरू में उसे नुकसान हो रहा था. तब सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च ऑन गोट्स (सीआईआरजी) के वैज्ञानिकों ने वहां का दौरा किया और उसे सिरोही बकरी पालने की सलाह दी. उसके बाद से दीपक का घाटा मुनाफे में तब्दील हो गया.
इसे खासतौर पर मीट के कारोबार के लिए पाला जाता है, क्योंकि यह बहुत तेजी से बढ़ती है. यह दूध भी अच्छा देती है. गांव, कस्बा या शहर आप इसे कहीं भी पाल सकते हैं. इस लेख में हम इन सिरोही बकरी को पालने से जुड़े इन पहलुओं की जानकारी देंगे.
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बकरी की खासियतें जो इसे बनाती हैं प्रॉफिटेबल
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कितने महीने में कितना वजन हो जाता है इस बकरी का
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कैसे करें सिरोही बकरी की पहचान
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कब बच्चे देना शुरू करती है यह बकरी
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कितने में खरीदें और कैसे करें इनका पालन
सिरोही बकरी को खासतौर पर मीट के लिए पालते हैं (Sirohi keep goat especially for meat)
इस बकरी को खासतौर पर मीट के लिए पाला जाता है. हालांकि यह दूध भी ठीक ठाक देती है. आमतौर पर सिरोही बकरी आधा लीटर से लेकर 700 एमएल तक दूध देती है. इसकी दो बड़ी खासियत हैं एक तो ये गर्म मौसम को आराम से झेल लेती हैं और दूसरे यह बढ़ती बहुत तेजी से हैं. इसकी एक और खासियत ये है कि इस बकरी के विकास के लिए इसे चारागाह वगैरा में ले जाने की जरूरत बिल्कुल नहीं है. यह बकरी फार्म में ही अच्छे से पल बढ़ सकती है. आमतौर पर एक बकरी का वजन 33 किलो और बकरे का वजन 30 किलो तक होता है.
सिरोही बकरी की ऐसे करें पहचान (How to identify Sirohi goat)
इस बकरी की बॉडी पर गोल भूर रेंग के धब्बे बने होते हैं. यह पूरे शरीर पर फैले होते हैं. इसके कान बड़े बड़े होते हैं और सींघ हल्के से कर्व वाले होते हैं. इनकी हाइट मीडियम होती है. सिरोही बकरी साल में दो बार बच्चों को जन्म देती है. आमतौर पर दो बच्चों को जन्म देती है. सिरोही बकरी 18 से 20 माह की उम्र के बाद बच्चे देना शुरू कर देती है. नए बच्चों का वजन 2 से 3 किलो होता है.
राजस्थान से मिल जाएगी सिरोही बकरी (Sirohi goat will be found in Rajasthan)
आपको राजस्थान की लोकल मार्केट में यह बकरी मिल जाएगी. बेहतर होगा आप इसे खरीदने के लिए सिरोही जिले के बाजार का ही रुख करें. वैसे तो इनकी कीमत इस बात पर डिपेंड करती है कि बाजार में कितनी बकरियां बिकने के लिए आई हुई हैं, मगर मोटे तौर पर बकरी की कीमत 350 रुपये प्रतिकिलो और बकरे की कीमत 400 रुपये प्रतिकिलो होती है. इसे आप एक अंदाजे के तौर पर लेकर चलें ताकि आपको मोलभाव करने में सहूलियत रहे.
सिरोही बकरी का कैसे करें पालन (How to do Sirohi goat rearing)
अगर आपका इलाका गर्म और सूखा है तो आप 100 फीसदी सिरोही ब्रीड खरीदकर उसका पालन शुरू कर सकते हैं, लेकिन बिहार या झारखंड जैसे इलाके हैं तो फिर क्रॉस ब्रीड लाएं. वैसे तो आपको इनका पालन बंद फार्म में ही करना है मगर फिर भी ऐसा कर लेने से बच्चों के मरने का रेट कम हो जाता है. क्योंकि हम आपको बता ही चुके हैं कि यह बकरियां गर्म और सूखे मौसम में ज्यादा अच्छे से बढ़ती हैं.
अगर आपके पास चराने की जगह नहीं है तो कोई दिक्कत नहीं. यह इस बकरी की बड़ी खासियत है कि इसे आप फार्म में चारा खिलाकर पाल सकते हैं.
अगर आप सही ढंग से चारा खिलाएंगे तो महज 8 महीने में यह बकरियां 30 किलो तक वजनी हो जाती हैं. यही चीज इस बकरी को औरों के मुकाबले ज्यादा प्रॉफिटेबल बनाती हैं. आप इसे पास की मंडी में ले जाकर बेच सकते हैं.