Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 26 January, 2022 12:00 AM IST
Free Vaccination for Brucellosis Disease in Animals

वक़्त के साथ-साथ अब इंसानों के अलावा पशुओं के अंदर भी नयी तरह की बीमारियों ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. जी हां, इस बीमारी का नाम "ब्रुसेलोसिस" (Brucellosis) है, लेकिन इस रोग को एक बार टीकाकरण करावा कर रोका जा सकता है, ताकि आगे आने वाले समय में यह बीमारी आपके जानवर को ना लगें. इसी के चलते ब्रुसेलोसिस रोग की रोकथाम (Brucellosis Disease Prevention) के लिए मध्यप्रदेश राज्य में नि:शुल्क टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है.

पशुओं का फ्री टीकाकरण अभियान (Free Vaccination Campaign for Animals)

इस समय मध्य प्रदेश केंद्र सरकार के सहयोग से पूरे राज्य में पशुपालकों के लिए सभी गाय-भैंस जैसे मवेशियों का टीकाकरण (Free Vaccination Campaign in Madhya Pradesh) किया जा रहा है. ऐसे में प्रदेश के वे सभी पशुपालक जिनके पशुओं को अभी तक ब्रुसेलोसिस रोग का टीका (Brucellosis Vaccine) नहीं लगाया गया है, वे इस माह यह टीका लगवा सकते हैं. टीकाकरण अभियान के तहत गाय-भैंस नस्ल की सभी मादा बछड़ों का नि:शुल्क टीकाकरण किया जाएगा.

कब तक चलेगा पशु टीकाकरण अभियान (Last Date of Animal Vaccination Campaign)

यह अभियान 1 जनवरी से 31 जनवरी 2022 तक चलाया जाएगा. यह टीकाकरण राज्य के सभी जिलों, पंचायतों और गांवों में किया जाएगा. यह रोग मुख्य रूप से गर्भवती पशुओं में होता है, जिसके कारण पशुओं का गर्भपात हो जाता है.

बता दें कि संक्रमण के कारण यह रोग फैलता ही रहता है. जिससे पशुपालकों को काफी नुकसान होता है. इसे रोकने के लिए राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर सभी पशुओं का टीकाकरण किया जाता है.

क्या है ब्रुसेलोसिस (What is Brucellosis)

  • यह जानवरों की एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जो कि मनुष्यों को प्रभावित करती है.

  • ब्रुसेलोसिस अन्य जानवरों पर भी हमला कर सकता है, लेकिन इसका मुख्य खतरा मवेशियों, बाइसन, गर्भाशय ग्रीवा और सूअर जैसे जानवरों को अधिक रहता है.

  • इस रोग के संक्रमित होने पर गर्भपात, बैंग की बीमारी से लेकर पशु स्वस्थ्य पर गहरा असर पड़ता है.

  • इससे पशुओं के दूध उत्पादन (Animal Milk Production) में कमी आती है.

  • साथ ही वजन कम होना शुरू हो जाता है.

  • इससे पशुओं में युवावस्था में ही हानि होनी शुरू हो जाती है जिसका नतीजा बांझपन और लंगड़ापन होता है.

  • यह रोग पशुओं के लिए एक भयानक खतरा है.

  • बता दें कि यह रोग तेजी से फैल सकता है और मनुष्यों में संचारित होने से यह और भी गंभीर हो जाता है.

ब्रुसेलोसिस कैसे फैलता है (How is Brucellosis spread)

  • Brucellosis आमतौर पर संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क से दूसरे जानवरों में फैलता है.

  • एक संक्रमित जानवर के गर्भपात या बछड़े के बाद सभी संक्रामक आसपास फ़ैल जाते हैं और दूषित हो जाते हैं.

  • यह बीमारी जानवरों से एक झुंड से दूसरे झुंड में ले तेज़ी से फैलती चलती जाती है.

क्या ब्रुसेलोसिस से बचा जा सकता है (Can Brucellosis Be Prevented)

  • उचित स्वच्छता विधियों (Proper Hygiene Methods) का उपयोग करके ब्रुसेलोसिस से बचा जा सकता है.

  • उचित झुंड प्रबंधन प्लान बीमारी से बचने में मदद कर सकता है.

  • अपने पशुओं को दूसरे अन्य पशुओं से ज्यादा ना मिलने दें.

  • अपने पशु झुंड को दूसरे पशु झुंडों से अलग रखें.

English Summary: Animals are getting free vaccine for Brucellosis, know why it is important to prevent it
Published on: 25 January 2022, 04:47 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now