केंद्र की मोदी सरकार देश में पशुधन की जानकारी से संबंधित बड़ा डेटाबेस तैयार कर रही है. दरअसल केंद्र सरकार की यह कोशिश है कि पशुधन के जरिए किसानों की आमदनी में इजाफा किया जाए.
केंद्रीय पशुपालन विभाग के मुताबिक अगले डेढ़ साल में लगभग 50 करोड़ से अधिक मवेशियों को उनके मालिक, उनकी नस्ल एवं उत्पादकता का पता लगाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यूनिक आईडी (Animal UID-Pashu Aadhaar) दी जाएगी. मवेशियों के कान में 8 ग्राम के वजन वाला पीला टैग लगाया जाएगा. इसी टैग पर 12 अंकों का आधार नंबर चस्पा होगा.
क्या है पशु आधार कार्ड?
पशुओं की टैगिंग ही पशु आधार कार्ड (Pashu Aadhar Card) है. अब देश भर की हर गाय व भैंस के लिए यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी होगा. इसके जरिए पशुपालक घर बैठे अपने पशु के बारे में जानकारी ले सकेंगे. टीकाकरण, नस्ल सुधार कार्यक्रम, चिकित्सा सहायता सहित अन्य काम आसानी से हो पाएंगे.
पीएम मोदी ने किया था जिक्र
ई-गोपाला ऐप (e-Gopala app) की शुरुआत करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पशु आधार (Pashu Aadhaar) का जिक्र किया था. उन्होंने कहा, इस ऐप में पशु आधार डालने का काम पूरा हो जाएगा तो इससे जानवरों के बारे में सभी जानकारियां हासिल की जा सकेंगी. पशुओं को खरीदना और बेचना आसान हो जाएगा.
पशुपालन एटीएम मशीन के समान
पशुपालन एवं डेयरी सचिव अतुल चतुर्वेदी के मुताबिक, किसानों के लिए पशुपालन एटीएम मशीन के समान है. खुदरा विक्रेता के लिए दूध की तरह कोई भी उत्पाद तेजी से आगे नहीं बढ़ रहा है. हमारा लक्ष्य डेयरी क्षेत्र में बाजार की वर्तमान मांग को 158 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में 290 मिलियन मीट्रिक टन करना है.
भारत में पशुधन और दूध उत्पादन
-भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है. वर्ष 2018 में 176.3 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ. विश्व के कुल दूध उत्पादन (Milk production) में भारत की हिस्सेदारी लगभग 20 फीसदी है.
-नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के मुताबिक 2018-19 में भारत में प्रति व्यक्ति प्रति दिन दूध की औसत उपलब्धता 394 ग्राम थी. इस मामले में हरियाणा सबसे आगे है जहां प्रति व्यक्ति औसत दूध 1087 ग्राम है.
-20वीं पशुधन गणना के मुताबिक देश में मादा मवेशी (गायों की कुल संख्याै) 145.12 मिलियन आंकी गई है. जो पिछली गणना (2012) की तुलना में 18.0 प्रतिशत अधिक है. जबकि कुल पशुधन आबादी 535.78 मिलियन है.
-भारत में हर रोज करीब 50 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है. इसमें से लगभग 20 फीसदी संगठित और 40 फीसदी असंगठित क्षेत्र खरीदता है. लगभग 40 फीसदी दूध का इस्तेमाल किसान खुद करता है.