प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत जहां आवेदनों में कमी आई है, वहीं कर्ज लेने वाले किसानों की संख्या में इजाफा हुआ है. 2018 से 2021 तक यह दर 30 प्रतिशत कम हो गई है.
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, खरीफ सीजन 2018 में 2.16 करोड़ किसानों ने पीएमएफबीवाई के तहत पंजीकरण कराया था. यह खरीफ सीजन 2021 में घटकर 1.50 करोड़ रह गया है. बता दें कि 2019 में 96.60 लाख किसानों और रबी सीजन 2020 में 99.95 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया था.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana)
इस योजना के तहत, देश के किसानों को किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों के नुकसान पर बीमा कवर प्रदान किया जाता है. इसकी योजना में हानि के आधार पर हानि राशि का भुगतान किया जाता है. पीएम फसल बीमा योजना के तहत अलग-अलग फसलों पर अलग-अलग प्रीमियम का भुगतान किया जाता है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ (Pradhan Mantri Fasal Bima Yoajana Benefits)
आपको खेत में फसल बोने के 10 दिनों के भीतर PMFBY फॉर्म भरना होता है. फिर कटाई से लेकर तैयारी तक 14 दिनों के बीच प्राकृतिक आपदा के कारण आपकी फसल खराब होने पर भी आप पीएम फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत अपनी फसल को सुरक्षित करने के लिए किसान ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से फॉर्म ले सकते हैं. अगर आप फॉर्म को ऑफलाइन लेना चाहते हैं तो आप अपनी नजदीकी बैंक शाखा में जाकर पीएम फसल बीमा योजना फॉर्म भर सकते हैं. और ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए आप PMFBY की वेबसाइट (https://pmfby.gov.in/) पर विजिट सकते हैं.
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नुकसान में क्या कदम उठाएं? (What are the steps to take in case of loss?)
यदि आपने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत अपनी फसल का बीमा कराया है और आप फसल को नुकसान होने पर इसके मुआवजे का दावा करना चाहते हैं, तो भारत सरकार ने उसके लिए कई हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं. इसके साथ ही PMFBY के तहत फसल को हुए नुकसान की जानकारी देने के लिए ईमेल आईडी भी जारी किया गया है. फसल खराब होने की स्थिति में आप फसल बीमा ऐप से भी इसकी जानकारी दे सकते हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत किसान को फसल के नुकसान की जानकारी बीमा कंपनी को देनी होती है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की शुरुआत 2016-17 में पुरानी फसल बीमा योजनाओं में सुधार के साथ की गई थी. इस योजना के संचालन दिशा-निर्देशों में रबी सीजन 2018 और खरीफ सीजन 2020 में संशोधन किया गया था.
इस योजना का उद्देश्य किसानों को समय पर योजना का लाभ पहुंचाना है. मंत्रालय के मुताबिक 21 अक्टूबर 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, खरीफ सीजन 2018 में कर्ज लेने वाले किसानों से 2.04 करोड़ आवेदन और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कर्ज नहीं लेने वाले किसानों के 1.15 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए है.