जिस तरह से बिजली की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है, उसी तरह सौर ऊर्जा आम आदमी के लिए एक बेहतर विल्कप बनकर उभर रहा है. ख़ासकर अगर किसानों की बात करें, तो सिंचाई से लेकर अन्य कृषि कार्यों में बिजली की जरुरत होती है.
वहीँ किसानों की सिंचाई समस्या की अगर बात करें, तो अब किसान सोलर पैनल की मदद से रात को भी सिंचाई कर सकते हैं.
यूनिवर्सल सोलर कंट्रोलर लगाने पर अनुदान
उद्यान विभाग किसानों को ऐसा उपकरण दे रहा है, जिससे सौर ऊर्जा को स्टोर किया जा सकेगा. फिर जब मर्जी करे तब सौर ऊर्जा का उपयोग किया सकेगा. इससे पहले किसान केवल सूरज निकलने के समय ही सिंचाई कर सकते थे. उद्यान विभाग की ओर से यूनिवर्सल सोलर कंट्रोलर लगाने पर अनुदान दिया जाएगा. यह कंट्रोलर लग जाने के बाद दिन में ही सूरज की ऊर्जा स्टोर हो जाएगी.
इसके बाद आप रात के समय या फिर जब चाहो इस ऊर्जा का इस्तेमाल आटा-चक्की, डी-फ्रीज, मिनीकोल्ड स्टोरेज, बल्क मिल्क चिलर, थ्रेसिंग व फल-सब्जी सुखाने, चापटकटर और लाइट जलाने में ले सकते हैं. ग्रामीण इलाकों के लिए या फिर ऐसे जगहों पर जहाँ बिजली का संचार कम होता है, उन जगहों पर यह सौर्य ऊर्जा से चलने वाली सोलर पैनल काफी लाभदायक है.
अपार संभावनाएं
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उद्यान विभाग की ओर से सौर ऊर्जा में अपार संभावनाओं को देखते हुए इसकी शुरूआत की गई है. आने वाले समय में जिस तरह से बिजली के संकट को देखा जा रहा है, उससे यह साफ़ है कि अब सौर्य ऊर्जा पर ही हमें निर्भर होना है. सामान्यत किसान भी अब इन सौर ऊर्जा संयंत्रों का उपयोग सिंचाई के रूप में ही कर रहे हैं.
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इन सौर ऊर्जा संयंत्रों का उपयोग साल में डेढ़ सौ दिन ही हो पाता है. शेष दिन सोलर पैनल की ओर से उत्पादित ऊर्जा का उपयोग नहीं हो पा रहा है. उस समय में उत्पादित ऊर्जा को स्टोरेज कर काम में लिया जा सकता है.
किन किसानों को मिलेगा इसका लाभ
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सौर ऊर्जा पंप संयंत्र कृषि एवं उद्यानिकी फसलों से सिंचाई की जा रही है.
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ऐसे किसान जिनके जिन्होंने योजना में अनुदान पर सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापित किए हैं और इनकी पांच वर्ष की गारंटी समाप्त हो चुकी है.
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तीन एचपी व पांच एचपी के यूनिवर्सल सोलर कंट्रोलर अनुदान दिया जाएगा.