Samagra Bhains Palan Yojana: बिहार सरकार ने राज्य के किसानों, पशुपालकों और बेरोजगार युवाओं के लिए एक नई सौगात दी है. सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए समग्र भैंस पालन योजना की शुरुआत की है. इस योजना का मकसद पशुपालन को बढ़ावा देना, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करना और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है. अगर आप भी पशुपालन को आय का जरिया बनाना चाहते हैं तो इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
25 जून से शुरू होंगे आवेदन
अगर आप भी भैंस पालन करके अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं तो यह योजना आपके लिए सुनहरा मौका है. योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 25 जून 2025 से शुरू होकर 25 जुलाई 2025 तक चलेगी. इच्छुक लाभार्थी बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट (https://dairy.bihar.gov.in) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
योजना के तहत क्या मिलेगा लाभ?
सरकार इस योजना में 1 या 2 उन्नत नस्ल की दुधारू भैंस (मुर्राह, जाफराबादी या भदावरी नस्ल) खरीदने के लिए सब्सिडी देगी. इससे डेयरी यूनिट स्थापित करने में किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी. सब्सिडी की दर लाभार्थी की श्रेणी पर निर्भर करती है:
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) को 75% सब्सिडी.
- अन्य सभी वर्गों के किसानों को 50% सब्सिडी.
योजना में कितनी मिलेगी सब्सिडी?
डेयरी यूनिट |
कुल लागत |
SC/ST/अत्यंत पिछड़ा वर्ग को सब्सिडी |
अन्य वर्गों को सब्सिडी |
1 दुधारू भैंस |
₹1,21,000 |
₹90,750 |
₹60,500 |
2 दुधारू भैंस |
₹2,42,000 |
₹1,81,500 |
₹1,21,000 |
क्यों जरूरी है यह योजना?
बिहार के ग्रामीण इलाकों में आज भी बड़ी संख्या में लोग खेती और पशुपालन पर निर्भर हैं. सरकार की मानें तो उन्नत नस्ल की भैंसों से ज्यादा दूध उत्पादन होता है, जिससे किसानों की आय बढ़ सकती है. साथ ही, स्थानीय स्तर पर दूध की उपलब्धता भी बढ़ेगी और दुग्ध उत्पादों का व्यापार भी मजबूत होगा.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
जो भी इच्छुक किसान या पशुपालक योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें ऑनलाइन आवेदन के साथ ये जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे:
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार कार्ड
- जमीन की अपडेटेड रसीद
- जाति प्रमाण पत्र (अगर लागू हो)
- विभागीय प्रशिक्षण प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की प्रति
आवेदन प्रक्रिया में बरतें सावधानी
इस योजना के अंतर्गत केवल ऑनलाइन माध्यम से ही आवेदन स्वीकार किए जाएंगे, इसलिए आवेदकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदन पत्र पूरी तरह से सही और आवश्यक दस्तावेजों के साथ पूर्ण रूप से अपलोड किया जाए. यदि आवेदन में कोई त्रुटि, अधूरी जानकारी या गलत दस्तावेज संलग्न पाए जाते हैं तो ऐसे आवेदन स्वतः ही निरस्त कर दिए जाएंगे. साथ ही योजना का क्रियान्वयन प्रत्येक जिले में जिला गव्य विकास पदाधिकारी के माध्यम से किया जाएगा, इसलिए संबंधित जिले के नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है.
कहां से मिलेगी ज्यादा जानकारी?
अगर आपको योजना से जुड़ी कोई और जानकारी चाहिए या आवेदन में किसी प्रकार की परेशानी है तो आप अपने जिले के जिला गव्य विकास पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.