राजस्थान में खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है और किसान खेतों में जुताई, बुआई और रोपाई के काम में जुट गए हैं. ऐसे में अगर किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करते हैं तो मेहनत भी कम लगेगी और उत्पादन में बढ़ोतरी भी होगी. इसी उद्देश्य से राजस्थान सरकार किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर कृषि यंत्र मुहैया करा रही है.
कृषि यंत्र खरीदने पर कितनी सब्सिडी मिलेगी?
राजस्थान कृषि विभाग के मुताबिक, किसानों को उनकी श्रेणी के आधार पर कृषि यंत्रों की खरीद पर 40% से 50% तक की सब्सिडी दी जाएगी. इससे किसानों को खेती में आधुनिक उपकरणों का लाभ मिल सकेगा, जिससे समय और श्रम दोनों की बचत होगी.
कौन-कौन किसान ले सकते हैं योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं:
- किसान के नाम पर खुद की खेती योग्य जमीन होनी चाहिए.
- अविभाजित परिवार में अगर जमीन है, तो राजस्व रिकॉर्ड में आवेदक का नाम दर्ज होना जरूरी है.
- ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्र लेने पर ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन किसान के नाम से होना अनिवार्य है.
हर 3 साल में एक बार ही अनुदान
किसान को एक ही प्रकार के कृषि यंत्र पर विभाग की किसी भी योजना में 3 साल में केवल एक बार ही अनुदान मिलेगा. वहीं, एक किसान को एक वित्तीय वर्ष में किसी एक कृषि यंत्र पर ही सब्सिडी का फायदा दिया जाएगा.
कैसे करें आवेदन?
कृषि यंत्र पर सब्सिडी पाने के लिए किसान को राज किसान साथी पोर्टल (https://rajkisan.rajasthan.gov.in/) पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके लिए किसान खुद अपने स्तर पर या नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर जनाधार नंबर के माध्यम से आवेदन कर सकता है. आवेदन जमा करने के बाद किसान को रसीद ऑनलाइन ही मिल जाएगी.
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
आवेदन करते समय निम्न दस्तावेज जरूरी हैं:
- जनाधार कार्ड
- 6 माह से अधिक पुरानी नकल नहीं होनी चाहिए
- लघु/सीमांत किसान प्रमाण पत्र (अगर लागू हो)
- ट्रैक्टर पंजीयन प्रमाण पत्र (ट्रैक्टर चलित यंत्रों के लिए जरूरी)
साथ ही, किसान को केवल राज किसान साथी पोर्टल पर रजिस्टर्ड निर्माताओं और विक्रेताओं से ही कृषि यंत्र खरीदना होगा. यंत्र खरीदने से पहले कृषि विभाग की प्रशासनिक मंजूरी प्राप्त करना जरूरी है.
सब्सिडी सीधे किसान के खाते में
राज्य सरकार द्वारा कृषि यंत्र पर मिलने वाला अनुदान किसान के बैंक खाते में सीधे ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा. इसके लिए पहले यंत्र का भौतिक सत्यापन कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी द्वारा किया जाएगा. सत्यापन के समय किसान को यंत्र की पर्चेज बिल दिखानी होगी.