Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 22 March, 2020 12:00 AM IST

किसान और खेतीबाड़ी पर केंद्र और राज्य सरकार कारोड़ों रुपए खर्च करती हैं. इसके साथ ही कई सरकारी योजनाएं भी चलाती हैं. इन योजनाओं के द्वारा किसानों का पूरा सहयोग किया जाता है, और उन्हें जागरूक भी किया जाता है. इन्हीं योजनाओं में से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो सरकार के इन प्रयासों पर पानी फेरता दिख रहा है.

दरअसल, उत्तराखंड में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएमकेएमवाई) को लेकर एक मामला सामने आया है. यहां लघु और सीमांत किसानों की संख्या लगभग 8 लाख से अधिक हैं. इसके बावजूद इस योजना के लिए लगभग 1600 से 1700 किसानों का ही पंजीकरण हो पाया है. इस स्थिति को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि इसकी प्रक्रिया में कहीं न कहीं कोई चूक हुई है. हालांकि, अब उत्तराखंड सरकार ने निश्चय किया है कि इस योजना को लेकर आने वाले महीने में जनजागरण की जाएगी. इससे पता लगाया जाएगा कि राज्य के कितने किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया है.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने लघु और सीमांत किसानों के लिए पीएमकेएमवाई नाम से वृद्धावस्था पेंशन योजना की शुरुआत की थी. इसका मकसद किसानों को सामाजिक सुरक्षा कवच देने का है. यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है. इसमें 18 से 40 साल तक के किसान हिस्सा ले सकते हैं.

किसान को खेतीबाड़ी में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन ऐसा वृद्धावस्था में करना संभव नहीं हैं. अधिकतर यह समस्या लघु और सीमांत किसानों के लिए ज्यादा होती है. इसकी वजह है कि उनकी इतनी बचत नहीं हो पाती है कि वह अपने बुढापे को अच्छी तरह से बिता है. इस योजना के तहत 60 साल की आयु वाले किसानों को 3 हजार रुपये की मासिक पेंशन दी जाती है. ध्यान दें कि इसमें 50-50 प्रतिशत प्रीमियम केंद्र और किसान को देना होता है. यह योजना किसानों के लिए बहुत बेहतर है फिर भी उत्तराखंड में यह योजना गति नहीं पकड़ पाई.

उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि राज्य के किसान पीएमकेएमवाई योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं. इसके लिए जनजागरण अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान द्वारा पता लगाया जाएगा कि इस योजना के लिए किसानों ने इतने कम पंजीकरण क्यों किए हैं. अगर कोई दिक्कत पाई गई, तो जल्द से जल्द से उसको दूर किया जाएगा.

English Summary: Pradhan Mantri Kisan Mannand Yojana
Published on: 22 March 2020, 07:04 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now