किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार हर तरह से मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है. इसी संदर्भ में किसानों को कृषि यंत्रों (Farm Machinery), खाद (Fertilizer) और कीटनाशकों (Pesticides) पर सब्सिडी (Subsidy) देने के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं (Government Scheme) चलाई जा रही हैं. ऐसे में किसानों के लिए सरकार कीटनाशकों पर सब्सिडी बढ़ाने की सोच रही है, जिससे उन्हें अधिक से अधिक लाभ मिल सके.
कीटनाशकों पर बढ़ेगी सब्सिडी (Pesticide Subsidy Scheme)
दरअसल, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सरकार ने अपने किसानों को एक बहुत बड़ी रहत दी है. प्रदेश के बागवानी विभाग (Horticulture Department) की ओर से यह पहल की जा रही है कि अब किसानों को कीटनाशकों पर अधिक सब्सिडी दी जाए, ताकि उन्हें खेती की लागत में कुछ हद तक रिहायत मिल सके. इसके तहत प्रदेश के किसानों को डीबीटी सब्सिडी योजना (DBT Subsidy Scheme) के तहत इसका लाभ मिल सकता है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डीबीटी सब्सिडी योजना के तहत बागवानी विभाग के अधिकारियों ने यह सुझाव दिया है कि इस योजना को किसानों के लिए और भी ज़्यादा सरल बनाया जाए, ताकि इसकी प्रक्रिया को पूरा करने में उन्हें परेशानियों का सामना ना करने पड़े.
किसान डीबीटी योजना से क्यों खुश नहीं (DBT Scheme for Pesticide)
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस योजना को पिछले वर्ष भी लागू किया गया था, लेकिन फल उत्पादकों के द्वारा इसकी अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली थी. ऐसा इसलिए हुआ था, क्योंकि प्रदेश भर में दुकानों पर सब्सिडी पर कीटनाशकों की सीधी बिक्री के नियम को इसके अधिकारियों ने बदल दिया था. जिसके बाद बागवानी विभाग एक बार फिर सरकार से इसमें परिवर्तन लाने की सिफारिश कर रहा है.
मिली जानकारी के मुताबिक, बागवानी निदेशक आरके प्रुथी ने कहा कि "हम योजना की समीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. वहीं एक अन्य बागवानी अधिकारी ने बताया कि बागवानी को लेकर नई योजना तैयार की गई है और इसे जल्द ही सरकार को सौंप दिया जाएगा."
डीबीटी योजना में सब्सिडी (DBT Pesticide Subsidy in Himachal Pradesh)
डीबीटी योजना के तहत सेब और नाशपाती जैसे समशीतोष्ण फलों के उत्पादक किसानों को इसकी खेती के लिए 4000 रुपए प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी दी जाती है. वहीं, आम और अमरूद जैसे उपोष्णकटिबंधीय फलों की खेती के लिए किसानों को 2000 रुपए प्रति हेक्टेयर सब्सिडी प्रदान की जाती है.
कैसे लें डीबीटी योजना का लाभ (DBT Subsidy Scheme Application)
यदि आप हिमाचल प्रदेश के निवासी और इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको अपने ज़मीन के दस्तावेज़ इनके आधिकारिक पोर्टल पर जाकर अपलोड करने होंगे, जिसके बाद ही आपको सब्सिडी प्राप्त हो सकेगी.
कुछ ख़बरों के अनुसार, प्रदेश के किसान डीबीटी योजना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं और पहले वाली योजना को ही लागू करने के लिए सरकार पर ज़ोर दे रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर, विभाग पुरानी योजना को लागू करने के पक्ष में नहीं है.
विभाग का कहना है कि "हम कार्यक्रम में सुधार करना चाहते हैं और इसे और अधिक उत्पादक-अनुकूल बनाना चाहते हैं, इसलिए सभी उत्पादकों को उद्यान कार्ड बनाने और उनका डिजिटलीकरण करने के लिए कहा गया है."
कीटनाशक सब्सिडी बढ़ने के लाभ (DBT Subsidy Scheme Benefits)
यदि कीटनाशकों पर सरकार द्वारा सब्सिडी बढ़ाई जाती है, तो किसानों को सस्ती दर से कीटनाशक मिल सकेंगे. कीटनाशक के उपयोग से फसलों को कीटों, रोगों और बीमारियों से बचाया जा सकता है. साथ ही, इस योजना के तहत, किसानों को छूट मिलने पर पारदर्शिता होगी जिसके लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना लागू की गई है. जिससे किसानों के खातों में छूट की रकम सीधे ट्रांसफर हो सकेगी.