गत दिनों ई-गोपाला ऐप (e-Gopala app) की शुरूआत करते वक्त पीएम मोदी ने पशु आधार नंबर का जिक्र किया. उन्होंने इस दौरान कहा, इस ऐप में पशु आधार (Pashu Aadhaar) डालने का काम पूरा हो जाएगा तो इससे जानवरों के बारे में सभी जानकारियां आसानी से हासिल की जा सकेंगी. पशुओं को खरीदना और बेचना आसान हो जाएगा. ऐसे में आईए जानते हैं कि आखिर पशु आधार क्या है? दरअसल, पशुओं की टैगिंग ही उनका पशु आधार कार्ड (Pashu Aadhar Card ) है. अब देशभर की हर गाय व भैंस के लिए यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी होगा. नतीजतन पशुपालक घर बैठे अपने पशुओं के बारे में सॉफ्टवेयर के जरिए जानकारी ले सकेंगे. इसके अलावा टीकाकरण, नस्ल सुधार कार्यक्रम, चिकित्सा सहायता सहित अन्य काम भी आसानी से हो पाएंगे.
गौरतलब है कि भारत में पशुधन की जानकारी से संबंधित एक विशाल डेटाबेस तैयार किया जा रहा है. सरकार की कोशिश है कि पशुधन के जरिए किसानों की आमदनी डबल की जाए. केंद्रीय पशुपालन विभाग के अनुसार अगले डेढ़ साल में लगभग 50 करोड़ से अधिक मवेशियों को उनके मालिक, उनकी नस्ल एवं उत्पादकता का पता लगाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यूनिक आईडी (Animal UID-Pashu Aadhaar) दी जाएगी. इसके लिए मवेशियों के कान में 8 ग्राम के वजन वाला पीला टैग लगाया जाएगा. इसी टैग पर 12 अंकों का आधार नंबर चस्पा होगा.
सबसे पहले 30 करोड़ गाय-भैंसों की होगी टैगिंग
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री संजीव बालयान ने बताया है कि अभी करीब 4 करोड़ गाय (Cow), भैंसों का आधार कार्ड बनाया गया है जबकि देश में 30 करोड़ से अधिक गाय, भैंस हैं. अभियान चलाकर इनकी टैगिंग की जाएगी. इसके बाद भेंड, बकरियों आदि के आधार भी बनेंगे. इस कार्ड में यूनीक नंबर, मालिक के विवरण और पशु के टीकाकरण और ब्रीडिंग की जानकारियां शामिल होंगी.
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