देश के किसानों के लिए पशुपालन हमेशा से ही खेती जितना महत्वपूर्ण रहा है. भारत में डेयरी बिजनेस की बढ़ती संभावना को देखते हुए केन्द्र सरकार ने साल 2019-20 में डेयरी उद्यमिता विकास योजना (DEDS) के लिए 325 करोड़ रुपये का बजट घोषित किया ताकि नए डेयरी फार्म खोले जा सके या आधुनिक डेयरी का निर्माण किया जा सके.
डेयरी उद्यमिता विकास योजना का उद्देश्य (Objective of Dairy Entrepreneurship Development Scheme)
डीईडीएस (DEDS) का मुख्य उद्देश्य देश के किसान या पशुपालकों को आधुनिक डेयरी या डेयरी फार्म खोलने में मदद करना है, ताकि किसान और पशुपालक अपनी आय को बढ़ा सके. इस योजना के माध्यम से पशुपालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ ग्रामीण रोजगार का सृजन करना भी है. यह योजना राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है.
डेयरी उद्यमिता विकास योजना के लाभ और सब्सिडी (Benefits and Subsidies)
केन्द्र सरकार डेयरी उद्यमिता विकास योजना के माध्यम से डेयरी खोलने या आधुनिक करने के लिए 7 लाख रुपए का लोन नाबार्ड की सहाता से दे रही है. इस लोन में सामान्य वर्ग को 25 प्रतिशत, एससी/एसटी वर्ग को 33 प्रतिशत सब्सिडी (Subsidy) के तौर पर मिलेगी. अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को 33 प्रतिशत सब्सिडी मिल सकती है. इस योजना के तहत 10 दुधारू पशुओं पर प्रोजेक्ट की लागत करीब 7 लाख रुपए तक आती है. इस योजना में एक पशु के लिए केंद्र सरकार 17,750 रुपए की सब्सिडी देती है. अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों के लिए यह सब्सिडी राशि 23,300 रुपए प्रति पशु हो जाती है. अतः एक सामान्य जाति के व्यक्ति को 10 दुधारू पशुओं की डेयरी खोलने पर 1.77 लाख रुपए की सब्सिडी मिल जाती है.
डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम की शर्तें (Terms & Conditions of DEDS)
यह योजना डेयरी क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए नए डेयरी फार्म या छोटे डेयरी फार्म को आधुनिक बनाने में सहायता प्रदान करती है. योजना के अंतर्गत चयनित व्यक्तियों, स्वयं सहायता समूहों (Self Help Group), गैर-सरकारी संगठनों (NGO), सहकारी समितियों को ब्याज मुक्त ऋण (Interest Free Loan) के रूप में दी जाती है. एक व्यक्ति इस योजना के तहत केवल एक बार ही लोन ले सकता है. योजना के तहत एक ही परिवार के अन्य सदस्यों को सहायता उनकी अलग-अलग स्थानों में स्थापित डेयरी के आधार पर दी जा सकती है. केन्द्र सरकार के मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा यह सब्सिडी राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से दी जाती है. मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक, अगर एक छोटी डेयरी खोलना चाहते हैं तो क्रॉसब्रीड जैसे साहीवाल, रेड सिंधी, गिर, राठी या भैंस रखनी पड़ेगी. इस डेयरी इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट स्कीम के तहत 10 दुधारू पशु एक डेयरी फार्म खोल कर रख सकते हैं. आवेदक किसी बैंक का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए.
लोन के लिए यहां करें आवेदन और जाने लोन की प्रक्रिया (Where to Apply and Know The Loan Procedure)
सबसे पहले नाबार्ड ऑफिस पर संपर्क करें. नाबार्ड की वेबसाइट https://www.nabard.org/content1.aspx?id=591&catid=23&mid=530 पर इस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
किसानों या पशुपालकों को योजना का लाभ या बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए अपने नजदीकी बैंक में मवेशी की खरीद के लिए प्रार्थना पत्र के साथ आवेदन करना होगा. इसके साथ ही डेयरी फार्म की स्थापना के लिए एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट देनी होती है. इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट में मवेशियों के चारे पर आने वाली लागत, घेराबंदी, जलाशय, दूध के प्रोसेसिंग की सुविधाएं, गोदाम, ट्रांसपोर्ट सुविधा आदि की जानकारी देनी रहती है. यह प्रोजेक्ट रिपोर्ट राज्य के पशुपालन विभाग, डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी या डेयरी फार्मर्स के फेडरेशन में स्थानीय स्तर पर नियुक्त तकनीकी व्यक्ति की सहायता से या चार्टेड एकाउंटेड (CA) भी तैयार कर सकता है. पशु खरीद में मवेशी की नस्ल, मवेशी की संख्या, उम्र, रंग आदि की जानकारी भी देनी पड़ती है. इसके बाद बैंक इस योजना, सब्सिडी और प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर लोन पर विचार करता है.
संपर्क करें (For Contact)
भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्रालय (Ministry of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying) के पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा इस योजना का संचालन किया जा रहा है. इस योजना की राशि नाबार्ड द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर ही की जाती है, जिसमें सब्सिडी भी शामिल है. अधिक जानकारी https://www.nabard.org/auth/writereaddata/File/Annexure_1.pdf क्लिक कर देखी जा सकती है.
इस योजना की अधिक जानकारी के लिए जिले के पशुपालन विभाग में भी सम्पर्क किया जा सकता है.