भारत सरकार देश के आम नागरिकों तक डिजिटल सेवा (Digital Service) को पहुंचाने के लिए हर एक प्रयास को पूरा कर रही है. इसी कड़ी में सरकार के द्वारा डिजिटल इंडिया (Digital India) को शुरू किया गया है, जिसमें लोगों को आत्मनिर्भर के साथ-साथ नई-नई तकनीकों और अन्य कई तरह के महत्वपूर्ण लाभ के बारे में विस्तार से बताया जाएगा.
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वामित्व योजना के तहत डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने का कार्य किया है. दरअसल, राज्य के निर्धन व ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक के लिए घरौनी प्रमाण पत्र मुहिम शुरू की है. बता दें कि सरकार की इस योजना के तहत यह सभी प्रमाण पत्र पूरी तरह से डिजिटल होंगे. जिन्हें नागरिक सरकारी पोर्टल से आसानी से डाउनलोड कर पाएंगे.
क्या है घरौनी (What is Gharoni)
यह ग्रामीणों के पुश्तैनी जमीन जायदाद का ब्यौरा रखने के लिए एक डिजिटल तकनीक है जिसे हम घरौनी के नाम से जानते हैं. बता दें कि इसे आवासीय अभिलेख या प्रॉपर्टी कार्ड भी कहते हैं. सरल भाषा में कहा जाए तो जिस तरह के किसान भाइय़ों के खेत का लेखा जोखा खतौनी होती है. ठीक उसी तरह के घरों की भी लेखा जोखा की घरौनी होती है.
घरौनी योजना की शुरुआत कब हुई
इस योजना को भारत सरकार के द्वारा साल 2020 में 24 अप्रैल के दिन शुरू किया गया था. यह प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना है, जिसे हम घरौनी योजना कहते हैं. जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण लोगों को उनकी जमीन का सही और मालिकाना हल दिलाने में सहायता करना है. इसके लिए इस योजना से डिजिटल तरीके से प्रमाण पत्र भी उपलब्ध होता है.
ऐसे करें घरौनी प्रमाण पत्र डाउनलोड
अगर आप भी अपने जमीन पर मालिकाना हक प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको घरौनी योजना में आवेदन करना होगा. जिसके लिए आपको घरौनी योजना की आधिकारि वेबसाइट पर जाना होगा. जहां पर आप से पूछी गई सभी जानकारी को आपको विस्तार व सही से दर्ज करना होगा.
जब आप सही तरीके से आवेदन पत्र को भर देंगे, तब आपके फोन पर सरकार यानी प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना या घरौनी योजना से एक SMS आएगा.
ध्यान रहे कि इसी SMS के माध्यम से ही आप अपनी जमीन का घरौनी प्रमाण पत्र प्राप्त कर पाएंगे. क्योंकि इसमें एक लिंक होती है, जिस पर क्लिक करने के बाद आप सरलता से अपना प्रमाणपत्र पा सकते हैं.
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90 हजार गांवों को मिलेगी डिजिटल घरौनियां
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की जनता को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिलाने के लिए इस साल के आखरी महीने तक यानी की दिसंबर माह तक करीब 90 हजार से अधिक गांवों को घरौनियां देने का लक्ष्य तय किया है. यह कार्य पूरी तरह से डिजिटल तरीके से किया जाएगा. इसके लिए ग्रामीण इलाकों का सर्वे सैटेलाइट की मदद से होगा. अनुमान है कि राज्य सरकार आगामी 31 जुलाई, 2023 तक 'सर्वे ऑफ इंडिया' की मदद से त्रुटिरहित मानचित्र प्राप्त कर लेगी.