NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 4 April, 2022 12:00 AM IST

देश में सूअर पालन एक अच्छा बिज़नेस (Pig Farming Business) बनकर उभर रहा है. जिन भी लोगों को सूअर पालने में रूचि है और इससे पैसा कामना चाहते हैं, तो आज हम उनको एक ऐसी योजना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आपको सूअर पालन पर 95 प्रतिशत की सब्सिडी (Pig Farming 95 Percent Subsidy Scheme) मिल सकती है.

सूअर विकास योजना (Suar Vikas Yojana)

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) ने ग्रामीण लोगों की आर्थिक विकास के लिए सूअर विकास योजना लागू करने जा रही है. इस योजना के तहत, सूअर पालकों (Pig Rearers) को तीन युवा मादा सूअर प्रदान की जाएगी और एक नर सुअर भी दिया जायेगा. बता दें कि सूअर पालकों को ये 95 प्रतिशत की सब्सिडी पर प्रदान किया जाएगा और लाभार्थी को लागत का केवल पांच प्रतिशत ही वहन करना होगा.

सूअर विकास योजना के लिए कौन है पात्र (Suar Vikas Yojana Eligibility)

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसमें केंद्र का 90 प्रतिशत हिस्सा और राज्य का पांच प्रतिशत हिस्सा है. कुछ  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि Suar Vikas Yojana के तहत राज्य के भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसान और सभी श्रेणियों से संबंधित इसका लाभ लेने के पात्र हैं.

पहले आओ, पहले पाओ (First come, First Serve)

इसके अलावा, उन परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनमें सरकारी क्षेत्र में कोई सदस्य कार्यरत नहीं है और ऐसे व्यक्ति या किसान हैं, जिन्होंने अपना खुद का सुअर शेड (Pig Shed) बनाया है या मनरेगा (MANREGA) के तहत बनाया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना के तहत लाभार्थियों का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाता है. वहीं 2019 में संपन्न हुई 20वीं पशुधन गणना के अनुसार, राज्य में 2019-20 में 2,124 सुअर थे. प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए 397.95 लाख रुपये की लागत से 1,995 सूअर इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था और इसके लिए कार्य प्रगति पर है. पशुपालन क्षेत्र अर्थव्यवस्था की स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और राज्य सरकार ने पशुधन प्रजनन में शामिल लोगों से सूअर पालन को वैकल्पिक आजीविका विकल्प (Alternative Livelihood Option) के रूप में अपनाने का भी आग्रह किया है.

सूअर पालने के लाभ (Benefits of Pig Farming)

सूअर पालन एक आकर्षक व्यवसाय है क्योंकि सुअर का मांस प्रोटीन का एक स्रोत है. साथ ही देश के साथ-साथ विदेशों में भी मांग में भी इसकी है. इसके अलावा, सूअर की चर्बी, त्वचा, बाल और हड्डियों का उपयोग विलासिता की वस्तुओं को बनाने के लिए किया जाता है.

ये खबर भी पढ़ें: Pashudhan Bima Yojana: 70 प्रतिशत की सब्सिडी के साथ कराएं पशुओं का बीमा, पढ़ें कैसे मिलेगा लाभ

30% लाभार्थी महिलाएं होंगी (30% of the beneficiaries will be women)

हालांकि, गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों के किसानों, बेरोजगार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं और सामान्य श्रेणी के व्यक्तियों को वरीयता दी जाएगी और कम से कम इसमें 30 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं होंगी.

English Summary: Great opportunity to earn lakhs of rupees in pig farming, this scheme is giving 95% subsidy
Published on: 04 April 2022, 02:58 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now