राज्य में मछलीपालन को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा मछली पालन करने वाले अनुसूचित जाति के वर्ग वाले लोगों को तालाब पट्टे पर लेने के लिए 50 हजार रूपये प्रति हेक्येटर और पट्टे की वास्तविक राशि का दोनों में से जो भी कम हो या अधिकतम सीमा 2 लाख रूपये तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है. ताकि इसके सहारे इस वर्ग के लोगों को मछलीपालन के क्षेत्र में आर्थिक सहायता मिल सकें.
अनुसूचित वर्ग को मिल रहा अनुदान
यहां के जिला मत्स्य अधिकारी कश्मीरी सिंह का कहना है कि हरियाणा सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति के बेरोजगारों के सामाजिक और आर्थिक स्तर को उठाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई योजनाओं को क्रियान्वित किया गया है. उन्होंने बताया कि मछलीपालन की खाद खुराक पर 60 प्रतिशत की दर से 90 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर तक का अनुदान दिया जाता है. जिसकी अधिकतम सीमा 1 लाख 80 हजार रूपये रखी गई है. उन्होंने कहा कि मछली पालन का कार्य अच्छे से हो सके इसके लिए सभी को 100 दिनों का प्रशिक्षण भत्ता और एक बार तक आने जाने का किराया 100 रूपये प्रदान किया जाता है.
हैचरी लगाने पर मिल रहा है अनुदान
मछली मंडियों में स्थापित पहले से ही दुकानों में मछली बिक्री हेतु पांच हजार रूपये प्रतिमाह और परचून की बिक्री हेतु तीन हजार रूपये प्रतिमाह और वास्तविक किराया दोनों में से जो भी कम हो पचास प्रतिशत की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. उन्होंने यह भी बताया कि मछली पकड़ने के लिए प्रति व्यक्ति 15 हजार रूपये तक के जाल की खरीद पर पचास प्रतिशत की दर से 7500 रूपये का अनुदान प्रदान किया जाता है. साथ ही अगर व्यक्ति रंगीन मछलियों की बैकयार्ड हैचरी लगाए तो प्रत्येक व्यक्ति को लघु साइज की हैचरी को लगाने पर 12 हजार 500 रूपये की प्रति व्यक्ति और मध्यम आकार की हैचरी को लगाने पर आपको एक लाख रूपये प्रति व्यक्ति तक अनुदान प्रदान किया जाता है.
मत्स्य विभाग से करें सब्सिडी हेतु संपर्क
उन्होंने बताया कि अधिसूचित पानी में मछली को पकड़ने के अधिकारों की प्राप्ति पर अनुसूचित जाति से संबंधित व्यक्ति को स्वीकृत बोली से 25 प्रतिशत की दर से अनुदान जिसकी सीमा 4 लाख रूपए है तक प्रदान की जाएगी. इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए जिला मत्स्य अधिकारी, मत्स्य किसान विकास एंजेसी से संपर्क कर सकते है.