Success Story: एवोकाडो की खेती से भोपाल का यह युवा किसान कमा रहा शानदार मुनाफा, सालाना आमदनी 1 करोड़ रुपये से अधिक! NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 28 March, 2022 12:00 AM IST

खेतों में खड़ी फसल को सबसे अधिक नुकसान होने का खतरा रहता है. किसानों की मानें, तो बुवाई से लेकर कटाई तक फसल पर खतरा मंडराता रहता है. कभी प्राकृतिक आपदा तो कभी जंगली जानवरों का. ऐसे में किसानों का कहना है कि वो इसके बचाव हेतु क्या करें.

प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भारी बारिश, सूखा आदि. ये सभी कारण हमारे हाथ में तो नहीं, लेकिन जानवरों को फसल बर्बाद करने से हम रोक सकते हैं. जिसके तहत सरकार ने किसानों के लिए तारबंदी योजना की शुरुआत की है.

बता दें कि राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को तारबंदी के लिए सब्सिडी भी दी जाती है. यानि किसान अगर अपने खेतों में तारबंदी कराना चाहते हैं, आवारा पशुओं के कारण बाड़ बनाना चाहते हैं, तो उन्हें राज्य सरकार की तरफ से 50% तक का अनुदान दिया जाएगा. बाकी का बचा हुआ 50% किसान को खुद देना होगा. इससे किसान भाई अपने खेतों को चारों ओर से सुरक्षित करने में भी सफल होंगे और उन पर अधिक बोझ भी नहीं पड़ सकेगा.

तारबंदी योजना का उद्देश्य (Objectives of the Tarbandi Yojna)

योजना को शुरू करने का उद्देश्य किसानों की फसलों को तारबंदी कर सुरक्षित करना था. इस तरह आवारा पशुओं के कारण होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है.  बता दें कि आवारा पशु अक्सर खेतों में लगे फसल को बुरी तरह से नष्ट कर देते हैं. इससे किसानों को फसल में लगी लागत तक नहीं मिल पाती है. इन तमाम कारणों को देखते हुए राज्य के कई किसान अपने खेतों के चारों ओर तार से घेरा करवा लिया, ताकि जंगली जानवर उनके खेतों में ना घुस पाएं और फसल को नुकसान ना पहुंचा सकें.

मगर इस कार्य के लिए भी किसानों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने राजस्थान तारबंदी योजना को शुरू की, ताकि किसानों को आर्थिक वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके. सरकार नागरिकों को 50% अनुदान तारबंदी लगाने के लिए प्रदान करेगी, जिससे वह अपनी फसलों को जंगली पशुओं से बचा पाएंगे.

40 हजार रुपये तक मिलेगा किसानों को अनुदान

आपने फसल की बर्बादी या फसल की तैयारी हेतु किसानों को अनुदान मिलते हुए देखा या सुना होगा, लेकिन राजस्थान सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तिलहन के अंतर्गत तारबंदी योजना चलायी जा रही है. जिसमें किसान अपने खेत के चारों ओर काटेंदार तारों को लगा सकते हैं और अपने खेत को आवारा पशु जैसे: नील गाय, सुवर, हाथी आदि से बचा सकते हैं. योजना के तहत तारबंदी के लिए 50% का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा. यानि 40 हजार तक का खर्च सरकार देगी और बाकी 50% का योगदान स्वयं किसान को देना होगा.

ये भी पढ़ें: कृषि पंप कनेक्शन के लिए कब, कैसे और कहां करें आवेदन? पढ़िए इससे जुड़ी सारी जानकारी एक क्लिक में...

तारबंदी योजना से मिलने वाले लाभ

  • योजना के जरिये किसान अपने खेतों की सुरक्षा हेतु तारों से बाड़ बनाकर अपने खेतों को पशुओं से बचाने में सक्षम होंगे.

  • राज्य के छोटे व सीमान्त किसान को योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा.

  • किसान नागरिकों को Rajasthan Tarbandi Yojana 2022 के अंतर्गत 400 मीटर तक की तारबंदी हेतु सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं.

  • तारबंदी योजना सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तिलहन के अंतर्गत चलायी गयी है.

  • योजना के माध्यम से आवेदक को 3 लाख 96 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी.

राज्य सरकार का कहना है कि हम इस माध्यम ने ना सिर्फ किसानों की फसल को बर्बाद होने से बचा सकते हैं, बल्कि आने वाले दिनों में खाद्य समस्या को भी बढ़ने से रोक सकते हैं.

English Summary: Government is giving subsidy for Tarbandi scheme
Published on: 28 March 2022, 09:48 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now