Arhar Cultivation: देश की महत्वपूर्ण दलहनी फसलों में से एक अरहर भी है, इसकी खेती किसानों के लिए काफी लाभदायक मानी जाती है. खरीफ सीजन में अधिकतर किसान अरहर की खेती करना पंसद करते हैं, क्योंकि इस फसल से कम समय में अधिक कमाई संभव है. खेती के बाद इसकी मिट्टी अगली फसल के लिए फायदेमंद होती है. वहीं, किसानों को दलहन उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सरकार लगातार कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में बिहार सरकार भी अरहर की खेती से किसानों की आय में वृद्धि करने को तैयार है.
12.80 करोड़ रुपये की योजना
बिहार सरकार ने राज्य में अरहर की खेती को बढ़ावा देने के लिए खरीफ सीजन में अरहर प्रोत्साहन योजना (Arhar Incentive Scheme) बनाई है. कृषि विभाग के अनुसार, 12.80 करोड़ रुपये की इस योजना के तहत राज्य के 11 जिलों में खरीफ सीजन में किसानों से अरहर की खेती कराई जाएगी. ऐसे में सरकार अरहर की खेती (Arhar ki kheti) करने के लिए बीज खरीदने पर सब्सिडी (Subsidy) दे रही है.
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अरहर के बीज पर 80% सब्सिडी
जानकारी के मुताबिक, राज्य के किसानों को अरहर की खेती के लिए बीज की खरीद पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. एक किसान को अधिकतम 2 एकड़ तक अरहर की खेती के लिए 16 किलो बीजों पर अनुदानित दर दी जाएगी. वहीं, 1 किलोग्राम अरहर के बीज की मार्केट कीमत 160 रुपये है, इसमें किसानों को 128 रुपये अनुदान मिलेगा. इस हिसाब से यदि कोई किसान 1 किलो अरहर की खेती के लिए बीज की खरीद करता है, तो उसे मात्र 32 रुपये की दर से कृषि विभाग के बीज निगम के माध्यम से बीज उपलब्ध करवाएं जाएंगे.
इन जिलों में मिलेगा अनुदान
दक्षिण बिहार के अपेक्षाकृत कम बारिश वाले जिलों के किसानों के लिए अरहर प्रोत्साहन योजना की शुरूआत की गई है. देर से धान की रोपाई करने वाले किसानों के लिए अरहर की खेती पर उन्हें प्रोत्साहित दिया जाएगा. राज्य के इन जिलों के किसान अरहर उत्पादन से अपनी आर्थिक स्थिति में भी सुधार कर सकते हैं. अरहर प्रोत्साहन योजना के तहत औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, गया, शेखपुरा, लखीसराय, नवादा, मुंगेर, जमुई, बांका और नालंदा जिले के किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा. इन जिलों के किसानों को 10 वर्ष से कम अवधि वाले अरहर के प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाएं जाएगें.
लाइसेंस प्राप्त बीज विक्रेता से बीजों का वितरण
कृषि विभाग के मुताबिक, 11 जिलों में 10 हजार क्विंटल अरहर के बीज किसानों को उपलब्ध करने का लक्ष्य रखा गया है. इन जिलों के किसानों को प्रखंडों में लाइसेंस प्राप्त बीज विक्रेता के माध्यम से ही बीजों का वितरण करवाया जाएगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कृषि विभाग, बिहार के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना है.