Corn Farmers: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में मक्के की खेती को बढ़ावा देने के लिए नई योजना की शुरूआत करने जा रही है. इस योजना के तहत यूपी में 2 लाख हेक्टेयर गन्ने का रकबा बढ़ेगा और 11 लाख मीट्रिक टन से अधिक मक्के का उत्पादन प्राप्त होगा. इसके अलावा, योजना के तहत किसी एक लाभार्थी को अधिकतम दो हेक्टेयर की सीमा तक अनुदान दिया जाएगा. सरकार देसी मक्का, संकर मक्का और पॉपकार्न मक्का पर 2400 रुपये अनुदान दे रही है. वहीं बेबी मक्का पर 16000 रुपये और स्वीट मक्का पर 20000 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान इस योजना के तहत दिया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें, यूपी सरकार की यह योजना 4 वर्षों के लिए होगी.
कैबिनेट की बैठक में कृषि विभाग की ओर से पिछले दिनों में ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. जिसके बाद इस योजना को संचालित किए जाने का शासनादेश जारी कर दिया गया है.
सभी जिलों में योजना का लाभ उठाएगें किसान
अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार, इस योजना को प्रदेश के सभी जिलों में चलाया जाएगा. लेकिन राज्य के 13 जिलों में- बहराइच, बुलंदशहर, हरदोई, कन्नौज, गोण्डा, कासगंज, उन्नाव, एटा, फर्रुखाबाद, बलिया और ललितपुर जो कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत मक्का फसल के लिए चयनित हैं. इन जिलों में इस योजना के वह घटक जैसे-संकर मक्का प्रदर्शन, संकर मक्का बीज वितरण और मेज सेलर को क्रियान्वित नहीं किया जाएगा, क्योंकि ये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में भी अनुमन्य है.
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तीसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का
आपकी जानकारी के लिए बता दें, खाद्यान्न फसलों में गेहूं और धान के बाद मक्का तीसरी महत्वपूर्ण फसल मानी जाती है. वर्तमान में भारत के अंदर मक्के का उपयोग मुख्य रूप से खाद्य सामग्री के अलावा पशु चारा, पोल्ट्री चारा और प्रोसेस्ड फूड आदि के रूप में भी किया जा रहा है. इसके अलावा, मक्का के उपयोग एथेनॉल उत्पादन में कच्चे तेल पर निर्भरता को कम कर रहा है.
खरीफ सत्र में 14.56 लाख मी.टन मक्के की पैदावार
बता दें, उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022-23 के खरीफ सत्र में 6.97 लाख हेक्टेयर में 14.56 लाख मी.टन मक्के की पैदावार हुई थी. जबकि, रबी सत्र में 0.10 लाख हेक्टेयर में 0.28 मी.टन और जायद में 0.49 लाख हेक्टेयर में 1.42 लाख मी.टन मक्के का उत्पादन हुआ था.