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Updated on: 26 March, 2019 12:00 AM IST
Goat Farming

किसान खेती के साथ पशुपालन सदियों से करते आ रहा है. पशुओं की उपयोगिता इसलिए भी महत्वपूर्ण है. क्योंकि, कृषि से जुड़े कई प्रमुख कार्यों में इनका इस्तेमाल किया जाता रहा है. इनके गोबर से बनी जैविक खाद, कृषि उपज को बढ़ावा देती है. गाय, भैंस और बकरी ये तीन प्रमुख ऐसे पशु हैं

जो किसान के लिए खेती के कार्यों करने के लिए बहुत जरुरी हैं. इन पशुओं का प्रमुख स्रोत दूध, खाना तो है ही इसके साथ यह किसानों के लिए आय का प्रमुख साधन भी है.ऐसे में मौजूदा दौर में कुछ किसान कृषि में ज्यादा लाभ न मिल पाने के वजह से पशुपालन की ओर अपना रुझान प्रकट कर रहे है.अगर आप भी पशुपालन के बारे में सोच रहें हैं तो बकरी पालन की शुरुआत कर सकते हैं . इसमें डेयरी से कही ज्यादा कम समय में मुनाफा होता है. बकरी पालन में सबसे बड़ा फायदा यह है की इसके लिए बाजार स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो जाता है . जिससे बाजार की कोई समस्या नहीं रहती है .  इसी कड़ी में राज्य सरकार स्थानीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने के मकसद से बकरी पालन को बढ़ावा दे रही है. और इसके लिए  5 से 6 लाख रूपये की सब्सिडी भी देने की घोषणा की है . इसके लिए अभी तुरंत आवेदन की मांग की है.

यह योजना किस राज्य के लिए है ? (For which state is this scheme?)

वित्तीय वर्ष 2018 – 19 में 'समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना' के अंतर्गत बिहार सरकार की योजना है . यह योजना बिहार के 38 जिलों के लिए है . पिछले वर्ष के बचे हुए बजट को पूरा करने के लिए नये बजट वर्ष में आवेदन मांगा गया है.

 इस योजना के तहत कितने बकरी कि योजना है ? (How many goats are planned under this scheme?)

निजी क्षेत्र में (100 बकरी +5 बकरा क्षमता) की स्थापना के लिए सामन्य जाति एवं अनुसूचित जाति के लिए योजना लेकर आया है.

 सरकार ने लक्ष्य कितना रखा है ? (How much has the government set?)

बिहार सरकार ने इस योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष में जो लाभ नहीं उठा पाएं है उनसे आवेदन मांगा है . इसके लिए सामान्य तथा अनुसूचित जाति के लाभर्थियों के लिए अलग – अलग लक्ष्य रखा गया है. सामान्य कोटे के तहत प्रदेश भर के 30 लाभार्थियों को अनुदान दिया जायेगा। जबकि, अनुसूचित जाति के तहत पूरे प्रदेश में 10 लाभार्थी को दिया जायेगा.

कितना अनुदान मिलेगा ? (How much grant?)

निजी क्षेत्रों में (100 बकरी + 5 बकरा क्षमता) की स्थापना पर सामन्य जाति एवं अनुसूचित जाति के लाभुकों हेतु क्रमश: 50 प्रतिशत एवं 60 प्रतिशत अनुदान (अधिकतम क्रमश: रु. 5.00 लाख / 6.00 लाख) दिया जा रहा है।   लाभार्थी को अनुदान 2 किश्तों में दिया जायेगा। यह दोनों किश्त सामान्य तथा अनुसूचित जाति  के  लाभार्थियों को 50 – 50 प्रतिशत के दो किश्तों में दिया जायेगा .

योजना के लिए नियम और शर्ते क्या हैं ? (What are the terms and conditions for the scheme?)

  • इस योजना के लिए सरकार ने कुछ नियम और शर्ते रखी है-

  •  लाभार्थी के पास एक माडल प्रोजेक्ट रिपोर्ट होना चाहिए . जिसमें बकरी की खरीद, लागत, आवास लागत तथा बकरी को बेचने पर प्राप्त लाभांश को दिखाना होगा .

  • 100 बकरी तथा 5 बकरा  के लिए वांछित भूमि 9,000 वर्गमीटर होना चाहिए.

  • आवेदन करते समय लाभार्थी को 9,000 वर्गमीटर का लगान रसीद / एल.पी.सी./ लीज का एकरार नामा / नजरी नक्सा को जरुर लगाना होगा.

  • लाभार्थीयों  को आधारभूत संरचना के निर्माण (बकरी / बकरा शेड के लिए 3,000 वर्गमीटर एवं खुला जगह लगभग 6,000 वर्गमीटर कुल 9,000 वर्गमीटर) एवं हरा चारा उगाने हेतु आवश्यकतानुसार अनिवार्य रूप से भूमि की व्यवस्था स्वयं करना होगा .

लाभार्थी को अपने ओर से 2 लाख रुपया लगाना होगा .

अगर किसान ऋण लेना चाहता है तो उसे ऋण प्राप्ति करने हेतु 1 लाख रु. का चेक / पासबुक/ एफ.डी./ या किसी अन्य तरफ का साक्ष्य होना चाहिए .

लाभार्थी को बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण प्राप्त होना जरुरी है . इसके लिए लाभार्थी को आवेदन के समय बकरी पालन में प्रशिक्षण प्राप्त प्रमाणपत्र  संलग्न  करना जरुरी है। आवेदनकर्ता अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के है तो उसे आवेदन के समय जाति प्रमाणपत्र संलग्न करना जरुरी है . लाभार्थी  को आवेदन के समय फोटो/आधार कार्ड / वोटर आई.डी. कार्ड / पैन कार्ड / आवास प्रमाण लगाना होगा . इस खबर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप http://ahd.bih.nic.in/ पर विजिट कर सकते है

English Summary: goat rearing government gives Subsidy upto Rs 6 lakh
Published on: 26 March 2019, 05:14 IST

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