Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 6 February, 2020 12:00 AM IST
Soil Test

केंद्र सरकार (Government of India) ने ग्रामीण युवाओं (Rural Jobs in India) को रोज़गार देने के लिए एक खास योजना की शुरुआत की थी, जिसके द्वारा अब कई युवा रोज़गार प्राप्त कर रहे हैं. इस योजना का नाम मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना (Soil Health Card Scheme) है.

ग्रामीण युवा इस सरकारी योजना का पूरा लाभ उठा रहे हैं. आपको बता दें कि राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (National Productivity Council) का मानना है कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर सिफारिशों के तहत केमिकल फर्टिलाइज़र्स के उपयोग में लगभग 8 से 10 प्रतिशत की कमी आ गई है, तो वहीं फसल की उपज में लगभग 5 से 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

क्या है मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना?

कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) के तहत यह योजना चलाई गई है. इस योजना में 18 से 40 साल के ग्रामीण युवा और किसान शामिल हो सकते हैं. इसके तहत ग्राम स्तर पर मिनी मृदा परिक्षण प्रयोगशाला (Soil Test Laboratory) की खोली जा सकती है. इसके लिए सरकार द्वारा मिट्टी नमूना लेने, परिक्षण करने और सॉइल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराने के लिए 300 प्रति नमूना प्रदान किया जाता है. बता दें कि यह योजना मोदी सरकार द्वारा साल 2014-15 में शुरू की गई थी.

मिलते हैं 3.75 लाख रुपये

जहां मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, तो वहीं ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार का एक बेहतर माध्यम है. बता दें कि एक प्रयोगशाला को खोलने में करीब 5 लाख रुपये का खर्च आता है, जिसका 75 प्रतिशत यानि लगभग 3 .75 लाख रुपये सरकार द्वारा दिया जाता है. यही प्रावधान स्वयं सहायता समूह, कृषक सहकारी समितियां, कृषक समूह या कृषक उत्पादक के लिए है.

युवा उठा रहे योजना का लाभ

इस योजना के तहत आदर्श गांवों का विकास नामक पायलेट प्रोजेक्ट चलाया जाता है, जिसमें किसानों की सहायता से कृषि जोत आधारित मिट्टी के नमूनों के संग्रहण और परीक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट में हर ब्लॉक में एक आदर्श गांव चुना गया है, जहां से मिट्टी के नमूने एकत्र किए जाते हैं. बता दें कि अब तक किसानों को करीब 13.53 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं.

योजना के लिए आवेदन

आप मिटटी जांच प्रयोगशाला दो तरीके से शुरू कर सकते हैं. पहली प्रयोगशाला किराए की दुकान में खोल सकते हैं, दूसरी प्रयोगशाला को कहीं भी ले जा सकते हैं, जिसे (Mobile Soil Testing Van) कहा जाता है. इस प्रयोगशाला को खोलने के लिए आप अपने जिले के उपनिदेशक, (कृषि), संयुक्त निदेशक कृषि या उनके कार्यालय में प्रस्ताव दे सकते हैं. इसकी अधिक जानकारी के लिए आप वेबसाइट agricoop.nic.in या soilhealth.dac.gov.in और किसान कॉल सेंटर (1800-180-1551) पर सम्पर्क कर सकते हैं.

English Summary: farmers will get better employment through soil health management scheme
Published on: 06 February 2020, 02:21 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now