झारखंड में प्रखंड मुख्यालय कांडी के पड़ोस में स्थित गांव सड़की एक मिसाल बन चुका है. इस गांव के किसान बिना किसी खर्च के खेतों की सिंचाई कर रहे हैं. यह सब सोलर पंप द्वारा संभव हो पाया है. इस गांव में सालभर में लगभग 10 एकड़ खेत में 3 से 4 फसलों की खेती होती है. इसका श्रेय सड़की निवासी किसान देवराज ठाकुर और गांव के अन्य किसानों को जाता है. अगर सड़की गांव की इस कारगर योजना को देखा जाए, तो इस योजना को हर जगह लागू करने की जरूरत है. आइए आपको बताते हैं कि सड़की गांव ने किस योजना के तहत खेतीबाड़ी में मिसाल कायम की है.
5 हजार वॉट का लगावाया सोलर पंप
किसान देवराज ठाकुर ने खेत में 5 हजार वॉट का सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित किया है. इसके तहत लगभग 275 वॉट के 18 सोलर मॉड्यूल लगाए गए हैं. इसके साथ ही खेत में 8 इंच व्यास का डीप बोर करके सबमर्सिबल पंप भी लगाया गया है. इतना ही नहीं, खेतों में आसानी से पानी पहुंच पाए, इसके लिए पाइप लाइन भी बिछाई गई है.
इतने घंटे पानी देता है सिस्टम
यह सिस्टम सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक आराम से पानी देता है. मतलब, इससे 9 घंटे तक बिना किसी परेशानी के पानी प्राप्त हो सकता है. खास बात है कि इसमें किसी भी प्रकार की बैटरी का उपयोग नहीं करना पड़ता है. यह जीरो खर्च और जीरो मेंटेनेंस पर काम करता है.
इतने लाख का है प्रोजेक्ट
यह प्रोजेक्ट लगभग 5 लाख रुपए तक का है, जिसमें किसान को सिर्फ 10 प्रतिशत अंशदान देना पड़ा है. इस योजना की बाकी लागत अनुदान के रूप में लगाई गई है.
इन फसलों की होती है खेती
किसान देवराज ठाकुर और अन्य किसानों के खेतों में गेहूं, प्याज, भिंडी, करेला, कद्दू, नेनुआ आदि की फसलों की खेती की जा रही है. यहां किसान भाइयों समेत महिला किसान भी फसलों की सिंचाई, निराई और गुड़ाई में लगी रहती हैं. किसान देवराज ठाकुर ने कृषि विभाग की मदद से यह करिश्मा हो पाया है.
कई किसान को मिल रहा लाभ
इस प्रोजेक्ट के तहत किसान देवराज ठाकुर समेत गांव के कई किसानों को लाभ पहुंच रहा है. किसानों के खेतों में बिना किसी खर्च के फसलें लहलहा रही हैं. अगर इस प्रोजेक्ट को अन्य गावों में लगाया जाए, तो किसान खुशहाल होकर खेतीबाड़ी कर सकते हैं.
कैसे हुआ कमाल
78 साल के किसान देवराज ठाकुर ने खेतीबाड़ी में बहुत सी परेशानियों का सामना किया है. इसका समाधान करने के लिए कुआं खुदवाया और बंधवाया. इसके बाद डीजल पंप सेट खरीद लिया. कई साल तक खेतों की सिंचाई डीजल पंप से की, मगर डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे थे. इसके बाद उन्होंने कृषि विभाग से संपर्क किया और सोलर पंप योजना का लाभ उठाया. अब किसान देवराज ठाकुर और अन्य किसान आराम से खेतीबाड़ी से जीवन यापन कर रहे हैं.
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