केंद्र सरकार ने किसानों के हित में पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू की. इस योजना के तहत किसानों के खातों में कुल 6 हजार रुपए की राशि भेजी जाती है. बता दें कि पीएम किसान योजना की सातवीं किस्त 1 दिसंबर से आने वाली है, लेकिन अब भी कई किसान इस किस्त का लाभ नहीं उठा पाएंगे. ऐसा इसलिए हो सकता है कि अगर आपके आवेदन में दर्ज की गई जानकारी गलत हुई, तो आप इस किस्त का लाभ नहीं उठा सकते हैं. अगर केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई 6वीं किस्त के आंकड़ों को देखा जाए, तो लगभग 173861 किसानों के खातों में सरकार ने पैसा भेज दिया है, लेकिन वह पेमेंट फेल हो गई थी. ऐसे में इस बार भी अगर किसी तरह की गलती पाई गई, तो खाते में पैसा नहीं आ पाएगा.
इसलिए नहीं मिलती किस्त
आपको बता दें कि अगर पेमेंट फेल होती है तो इसकी सबसे बड़ी वजह जानकारी गलत होना है. कई किसानों के आधार में गलत जानकारी दर्ज होती है, तो कई किसान अपना नाम या पता गलत भर देते हैं. इस कारण फंड ट्रांसफर ऑर्डर जनरेट होने के बावजूद भी भुगतान फेल हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कि आवेदनकर्ता अपना नाम, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट नंबर की गड़बड़ी सही करा लें.
घर बैठे कैसे ठीक करें गलती?
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इसके लिए पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएं.
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इसके फार्मर कॉर्नर के अंदर जाकर एडिट आधार डिटेल पर क्लिक करें और यहां अपना आधार नंबर दर्ज करें.
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इसके बाद कैप्चा कोड डालकर सबमिट पर क्लिक करें.
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ध्यान रहे कि अगर नाम में गलती है, तो आप ऑनलाइन सही कर सकते हैं. अगर कोई और गलती है, तो आपको लेखपाल और कृषि विभाग कार्यालय में संपर्क करना होगा.
कितने लोगों को नहीं मिलेगा पैसा?
जानकारी के लिए बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग 11 करोड़ 33 लाख 52 हजार किसान रजिस्टर्ड हैं. इनमें से लगभग 10 करोड़ 48 लाख 31 हजार 133 किसानों का फंड ट्रांसफर आर्डर जेनरेट हो चुका है. इसका मतलब है कि इन किसानों को खातों में किस्त भेजी जाएगी. मगर इनमें से 13 लाख 78 हजार 727 किसान ऐसे हैं, जिनके खाते में 2 हजार रुपए की किस्त नहीं भेजी जाएगी, क्योंकि उनके खातों में भेजा गया पेमेंट फेल हो चुका है. इसके अलावा 4 लाख से अधिक किसानों का पैसा कई और कारणों से फंसा हुआ है. यह जानकारी पीएम किसान पोर्टल पर उपलब्ध पहली किस्त का है. पीएम किसान पोर्टल पर उपलब्ध आंकाड़ों की मानें, तो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों के खातों में भेजे जाने वाला पैसा सबसे ज्यादा फेल होता है.