जबरदस्त है गहरी जुताई के फायदे, कम लागत के साथ बढ़ता है उत्पादन! 10 वर्ष पुरानी आदिवासी पत्रिका 'ककसाड़' के नवीनतम संस्करण का कृषि जागरण के केजे चौपाल में हुआ विमोचन Vegetables & Fruits Business: घर से शुरू करें ऑनलाइन सब्जी और फल बेचना का बिजनेस, होगी हर महीने बंपर कमाई Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 2 February, 2023 12:00 AM IST
श्री अन्न योजना की शुरुआत

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वार्षिक बजट 2023-24 के अपने भाषण के दौरान श्री अन्न योजना का जिक्र किया. इससे देश में मोटे अनाज को बढ़ावा मिलेगा. इस योजना को कृषि और किसानों के लिए काफी हितकारी माना जा रहा है. उन्होंने मिलेट्स यानी मोटे अनाजों के लिए श्री अन्न शब्द का इस्तेमाल किया था. यानी इस योजना के तहत सरकार की तरफ से मोटे अनाज की पैदावार को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए भारतीय मिलेट्स संस्थान का गठन भी किया जाएगा.

क्या है श्री अन्न योजना?

मोटे अनाज यानी मिलेट्स को श्री अन्न कहा जा रहा है. इस तरह के अनाज में विटामिन, खनिज, फाइबर और दूसरे पोषक तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में मिलेट्स का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है. भारत में ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कंगनि, कुटकी, कोडो, छीना और सामा जैसे कई श्री अन्न का उत्पादन किया जाता है. ऐसे मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं. सरकार देश को श्री अन्न का ग्लोबल हब बनाने की तैयारी में है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च, हैदराबाद इंटरनेशनल लेवल पर मिलेट्स से संबंधित रिसर्च और इसके बेहतर उत्पादन के लिए विभिन्न तरीकों पर काम कर रहा है.

मोटे अनाज की खासियत

मिलेट्स की फसलों को बेहद ही कम पानी की जरूरत होती है. उदाहरण के लिए जहां गन्ने के पौधे को 2100 मिलीमीटर पानी की जरूरत पड़ती है. वहीं, बाजरे को सिर्फ 350 मिलीमीटर पानी की आवश्यकता होती है. जहां, बाकी फसलें पानी की कमी होने पर बर्बाद हो जाती हैं, वहीं, मोटे अनाज की फसल अगर खराब भी हो जाती है तो वह पशुओं के चारे के काम आ जाती है.

ये भी पढ़ेंः अंत्योदय अन्न योजना: इस महीने गेहूं,चावल के साथ मिलेगेंगी अन्य कई चीज़ें, जानिए क्या है ख़बर

मिलेट्स क्रॉप खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है. हाल ही में विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने भी कोरोना महामारी, जलवायु परिवर्तन और अन्य चुनौतियों के बीच मिलेट्स के महत्व का जिक्र किया था. एशिया और अफ्रीका मिलेट्स के प्रमुख उत्पादक देशों में से एक हैं. भारत के अलावा मिलेट्स, नाइजर, सूडान और नाइजीरिया में भी उगाए जाते हैं.

English Summary: Central government started Shri Anna Yojana, millet will get a boost
Published on: 02 February 2023, 12:37 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now