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Updated on: 2 February, 2023 12:00 AM IST
श्री अन्न योजना की शुरुआत

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वार्षिक बजट 2023-24 के अपने भाषण के दौरान श्री अन्न योजना का जिक्र किया. इससे देश में मोटे अनाज को बढ़ावा मिलेगा. इस योजना को कृषि और किसानों के लिए काफी हितकारी माना जा रहा है. उन्होंने मिलेट्स यानी मोटे अनाजों के लिए श्री अन्न शब्द का इस्तेमाल किया था. यानी इस योजना के तहत सरकार की तरफ से मोटे अनाज की पैदावार को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए भारतीय मिलेट्स संस्थान का गठन भी किया जाएगा.

क्या है श्री अन्न योजना?

मोटे अनाज यानी मिलेट्स को श्री अन्न कहा जा रहा है. इस तरह के अनाज में विटामिन, खनिज, फाइबर और दूसरे पोषक तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में मिलेट्स का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है. भारत में ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कंगनि, कुटकी, कोडो, छीना और सामा जैसे कई श्री अन्न का उत्पादन किया जाता है. ऐसे मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं. सरकार देश को श्री अन्न का ग्लोबल हब बनाने की तैयारी में है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च, हैदराबाद इंटरनेशनल लेवल पर मिलेट्स से संबंधित रिसर्च और इसके बेहतर उत्पादन के लिए विभिन्न तरीकों पर काम कर रहा है.

मोटे अनाज की खासियत

मिलेट्स की फसलों को बेहद ही कम पानी की जरूरत होती है. उदाहरण के लिए जहां गन्ने के पौधे को 2100 मिलीमीटर पानी की जरूरत पड़ती है. वहीं, बाजरे को सिर्फ 350 मिलीमीटर पानी की आवश्यकता होती है. जहां, बाकी फसलें पानी की कमी होने पर बर्बाद हो जाती हैं, वहीं, मोटे अनाज की फसल अगर खराब भी हो जाती है तो वह पशुओं के चारे के काम आ जाती है.

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मिलेट्स क्रॉप खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है. हाल ही में विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने भी कोरोना महामारी, जलवायु परिवर्तन और अन्य चुनौतियों के बीच मिलेट्स के महत्व का जिक्र किया था. एशिया और अफ्रीका मिलेट्स के प्रमुख उत्पादक देशों में से एक हैं. भारत के अलावा मिलेट्स, नाइजर, सूडान और नाइजीरिया में भी उगाए जाते हैं.

English Summary: Central government started Shri Anna Yojana, millet will get a boost
Published on: 02 February 2023, 12:37 IST

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