राज्य सरकारें किसानों की आय दोगुनी करने के मिशन के लिए कई तरह की योजनाओं को संचालित कर रही हैं. बिहार सरकार किसानों के लिए खेती को और भी सरल बनाने के लिए तकनीक पर विशेष जोर दे रही है, वहीं सरकार ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत की सब्सिडी की घोषणा की है. राज्य सरकार ने यह योजना कृषि में तकनीक को बढ़ावा और किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफे को देखते हुए शुरू की है. आपको जानकारी के लिए बता दें कि अभी इस योजना का लाभ केवल गया जिले में रहने वाले किसान ही उठा पाएंगे.
राज्य सरकार ने इस योजना के लिए कुल 4,87,67,796 रुपये का बजट भी पास किया हुआ है. बिहार सरकार इस धनराशी के अनुसार कुल 108 कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान राशि प्रदान करेगी.
इन ख़ास कृषि यंत्रों पर रहेगी निगरानी
बिहार सरकार द्वारा कृषि यंत्र के लिए इस योजना के तहत 4,87,67,796 रुपये के बजट की राशि को निश्चित किया गया है. राज्य सरकार इसके लिए कुल 108 प्रकार के कृषि यंत्रों पर या सब्सिडी देगी. इस अनुदान में कुछ ख़ास कृषि यंत्रों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा जिनमें हैपी सीडर, सुपर सीडर, स्ट्रा बेलर, स्ट्रा रीपर एवं रीपर कम बाईंडर आदि होंगे. बिहार सरकार यह राशि अनुदान के जिले योजना की कुल राशि का 33 प्रतिशत व्यय करेगी.
अद्यतन मालगुजारी रसीद दिखाने पर मिलेगा अनुदान
राज्य सरकार की इस योजना के तहत लाभ लेने वाले किसानों के लिए अद्यतन मालगुजारी रसीद दिखाना भी अनिवार्य होगा, दरअसल बिहार सरकार ने यह नियम केवल 20 हजार रुपये से अधिक के कृषि यंत्रों की खरीद पर रखा है. मालगुजारी रसीद के लिए किसान 2022-23 या 2021-22 में से कोई भी एक वर्ष की रससिद दिखा कर योजना का लाभ ले सकते हैं. लेकिन अगर किसानों ने तात्कालिक रसीद भी प्राप्त की हुई है तो वह रसीद भी योजना लाभ के लिए मानी रहेगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर किसानों के पास किसी भी वर्ष की रसीद नहीं है और वह इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उनको जिले के कृषि समन्वयक के द्वारा सत्यापन कराना अनिवार्य होगा. 20 हजार से कम के यंत्रों के लिए एलपीसी या 3 वर्षों में से कोई एक रसीद लगाने का प्रावधान नहीं नहीं है. इस प्रकार के उपकरणों की खरीद पर किसान सीधे-तौर पर लाभ ले सकते हैं.
ऑनलाइन करना होगा आवेदन
किसानों को इस कृषि यंत्र अनुदान योजना के लिए ऑनलाइन फार्म मेकेनाईजेशन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (OFMAS) पोर्टल पर जाकर अप्लाई करना होगा. लेकिन यह जरूरी नहीं है कि अप्लाई करने के बाद किसानों को सब्सिडी मिल ही जाए, यह भी संभव है कि उनको यह सब्सिडी न भी मिले.
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दरअसल राज्य सराकर अधिक आवेदन की स्थिति में ऑनलाइन लॉटरी के प्रावधान को रखेगी. इसमें भी कई किसानों को नंबर के अनुसार वेटिंग में रखा जायेगा.