Benefits of PM Kisan Mandhan Scheme: केंद्र सरकार समय-समय पर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों और आम जनता के जीवन में सुधार लाने का प्रयास करती है. इन्हीं योजनाओं में से प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY) है, जिसे 12 सितंबर 2019 को शुरू किया गया था. यह योजना विशेष रूप से देश के छोटे और सीमांत किसानों के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए शुरू की गई थी. इस योजना का उद्देश्य उन किसानों की मदद करना है, जो अपनी उम्र बढ़ने के बाद आर्थिक रूप से परेशान हो जाते हैं. आइए कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानते हैं प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के बारे में विस्तार से.
योजना की शुरुआत और उद्देश्य
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का उद्देश्य बुजुर्ग किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है. जैसे-जैसे किसानों की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे उनका कार्यक्षेत्र सीमित हो जाता है और वे आर्थिक संकट से जूझने लगते हैं. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की. योजना का लक्ष्य है, छोटे और सीमांत किसानों को उनके बुढ़ापे में एक निश्चित पेंशन मिल सके, ताकि उन्हें जीवन के आखिरी समय में वित्तीय तनाव का सामना न करना पड़े.
इस योजना का लाभ किसे मिलेगा?
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा, जिनकी आय 1.80 लाख रुपये से कम है और जो 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच हैं. इसमें ड्राइवर, रिक्शा चालक, मोची, दर्जी, मजदूर, घरेलू कामगार, भट्ठा मजदूर जैसे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ लेने का अधिकार है.
योगदान और पेंशन
इस योजना में भाग लेने के लिए किसान को हर महीने एक छोटी सी राशि जमा करनी होती है. अगर लाभार्थी की उम्र 18 वर्ष है, तो उसे हर महीने 55 रुपये जमा करने होते हैं. इस राशि के साथ-साथ सरकार भी उतनी ही राशि उसकी ओर से जमा करती है. इस प्रकार, हर महीने किसान के खाते में 110 रुपये जमा होते हैं. जैसे-जैसे लाभार्थी की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे उनकी मासिक जमा राशि भी बढ़ती है. उदाहरण के तौर पर, 29 वर्ष के किसान को हर महीने 100 रुपये और 40 वर्ष के किसान को 200 रुपये जमा करने होते हैं. इसके बाद, जब लाभार्थी की उम्र 60 साल हो जाती है, तो उसे हर महीने 3,000 रुपये की पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है. इस तरह से, इस योजना में किसानों के लिए एक लंबी अवधि की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना की विशेषताएं
- आसान योगदान प्रक्रिया: इस योजना में हर महीने छोटे-छोटे योगदान से किसान अपनी वित्तीय स्थिति को सुधार सकते हैं.
- पेंशन की राशि: 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने 3,000 रुपये की पेंशन मिलने से किसानों को बुढ़ापे में आर्थिक संकट से बचने का मौका मिलता है.
- हर महीने कम से कम योगदान: इस योजना में किसानों से हर महीने कम राशि जमा करने की मांग की जाती है, जिससे यह उनके लिए सुलभ हो जाता है.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के प्रमुख लाभ
- 60 साल के बाद किसानों को हर महीने 3,000 रुपये की पेंशन का लाभ दिया जाता है.
- किसान जो राशि जमा करते हैं, सरकार भी उतनी ही राशि जोड़ती है. यानी, इसमें किसान का योगदान और सरकार का योगदान बराबरी का होता है.
- अगर लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार के सदस्य, खासकर पत्नी, इस योजना में योगदान जारी रख सकती है और पेंशन का लाभ उठा सकती है.
- इस योजना को शुरू करना और इसका लाभ प्राप्त करना काफी सरल है. केवल कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है और आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना की आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में आवेदन करना काफी सरल है. इस योजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से आवेदन किया जा सकता है.
ऑनलाइन आवेदन:
- सबसे पहले आपको प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना की आधिकारिक वेबसाइट (https://www.pmkmy.gov.in) पर जाना होगा.
- वेबसाइट पर उपलब्ध पंजीकरण फॉर्म को भरें और जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें.
- अपने बैंक खाता विवरण, आधार कार्ड, और अन्य आवश्यक जानकारी भरें.
- सभी जानकारी सही-सही भरने के बाद, सबमिट करें.
- आवेदन प्रक्रिया पूरी करने के बाद, आपको पंजीकरण की पुष्टि मिल जाएगी.
ऑफलाइन आवेदन:
- इस योजना के लिए आपको नजदीकी कृषि विभाग या किसान सेवा केंद्र पर जाना होगा.
- वहां पर आपको योजना से संबंधित आवेदन पत्र प्राप्त होगा.
- इस पत्र को भरकर अपनी आवश्यक दस्तावेज़ के साथ जमा करें.
- आवेदन के बाद, संबंधित अधिकारी आपकी जानकारी को सत्यापित करेंगे और पंजीकरण प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के लिए दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण (जहां पेंशन राशि जमा होनी है)
- आय प्रमाण पत्र (कृषि से संबंधित आय)
- पासपोर्ट साइज फोटो
मृत्यु के बाद क्या होगा?
अगर लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी को योजना में योगदान देने की अनुमति मिलती है. अगर पत्नी इस योजना को जारी रखना चाहती है, तो वह पेंशन प्राप्त कर सकती है. यदि वह योजना को जारी नहीं रखना चाहती, तो उसे उसके द्वारा जमा की गई राशि ब्याज सहित लौटाई जाएगी. इस प्रकार, योजना में लाभार्थी की मौत के बाद भी परिवार को सुरक्षा मिलती है.