अगले 2 दिन इन राज्यों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना, पढ़ें आईएमडी की लेटेस्ट रिपोर्ट! खेती को बनाए आसान, वीएसटी 165 DI ES इलेक्ट्रिक स्टार्ट पावर टिलर इस्तेमाल कर कम लागत में करें ज्यादा काम! केले की पूरी फसल बर्बाद कर सकते हैं वायरल रोग, जानें इनके लक्षण और प्रबंधन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 26 July, 2021 12:00 AM IST
independence-day

रामायण की चौपाई और आयत ले के कुरान की,
यारों मैंने लिख डाली एक ग़ज़ल ये हिंदुस्तान की।
लेकर हर मज़हब की स्याही कलम भरी ईमान की,
कर बंधन कर करी इबादत सर्व धर्म सम्मान की,
यारों मैंने लिख डाली एक ग़ज़ल ये हिंदुस्तान की।

कोई शब्द सुनहरा हिंदी का कोई उर्दू का अल्फ़ाज़ लिखा, 
मैंने अपनी भारत माँ का सुंदर-सा इतिहास लिखा।
बैठकर मंदिर की पेढ़ी पर मस्जिद का अहसास लिखा,
अमृतसर के स्वर्ण शिखर पर मुरली का महारास लिखा।

शंख बजाकर गाई आरती सरगम सुनी अजान की,
यारों मैंने लिख डाली एक गजल ये हिंदुस्तान की।
वाहे गुरु के ग्रंथों के संग पैगंम्बर का पंथ लिखा,
सूर श्याम रैदास कवि रसख़ान-सा सूफी संत लिखा।
पच्चीस दिसम्बर के पन्नो  पर श्रीमद् गीतासार लिखा,
ख्वाजा के दरबार में मैंने माँ मरियम का प्यार लिखा।

दीवाली के दीप जलाकर रात लिखी रमजान की,
यारों मैंने लिख डाली एक ग़ज़ल ये हिंदुस्तान की।
नत मस्तक हो अमर ज्योति पर शहीदों का सम्मान लिखा,
सावरकर सरदार भगत सिंह बिस्मिल का बलिदान लिखा।

हल्दी घाटी की माटी से देश का  स्वाभिमान लिखा,

लाल किले पर लहराता ये झंडा हिंदुस्तान लिखा।

जन मन गण की कलम  चलाई राष्ट्र भक्ति के गान की,

यारों मैंने लिख डाली एक ग़ज़ल ये हिंदुस्तान की।

लेखक: प्रमोद सनाढ्य "प्रमोद"

English Summary: read hindi poem ghazal ye Hindustan ki
Published on: 26 July 2021, 02:04 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now