औषधीय पौधों की श्रेणी में लेमन ग्रास का नाम प्रमुखता से आता है. आज हम आपको बताएंगें कि कैसे यह औषधीय पौधा झारखंड के किसानों के लिए आय का स्रोत बना हुआ है और किस तरह से वहां बड़े स्तर पर इसकी खेती की जा रही है.
महिला किसान लहरा रही हैं परचम
आपको जानकर हैरानी होगी कि झारखंड के उत्तर-पश्चिमी जिले पलामू में इन दिनों सिर्फ पुरूष ही नहीं बल्कि महिला किसान भी बड़े स्तर पर इसकी खेती से जुड़ रही है. प्राप्त जानकारी के मुतबाकि यहां कई प्रखंड को मिलाकर लगभग 800 से अधिक महिलाओं ने लेमन ग्रास की खेती को अपनाया है.
तेल से होता है सबसे अधिक मुनाफा
बात करने पर यहां कि महिलाओं ने बताया कि इसकी खेती प्रमुख रूप से इसके मांग को देखते हुए की जा रही है. सबसे अधिक मांग इसकी पत्तियों और उससे निकलने वाले तेल का है. इसके अलावा आज चाय के रूप में भी लोग इसे खरीदना पसंद कर रहे हैं.
पीएम मोदी तक गई बात
गौरतलब है कि इन महिलाओं की सफलताओं के किस्सों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी प्रभावित किया था. अपने एक मन की बात कार्यक्रम में खुद पीएम मोदी गुमला के बिशुनपुर प्रखंड की महिलाओं की सराहना कर चुके हैं.
पांच जिलों में हो रही है खेती
फिलहाल अभी राज्य के लगभग पांच जिलों में लेमन ग्रास की खेती की जा रही है. इन महिलाओं से बात करने पर मालुम हुआ कि 5000 किलोग्राम लेमन ग्रास के डंठल से करीब 80 किलोग्राम तक तेल की प्राप्ति हो जाती है. इस तेल को निकालकर पैकेट्स में पैक करके बेचा जाता है, जिसके लिए प्रति किलो 3 से 4 हजार का मुनाफा हो जाता है. इसी तरह इनकी पत्तियों का भी व्यापार किया जाता है.
छोटे उद्योगों को बढ़ावा
झारखंड में लेमन ग्रास की बदौलत कई तरह के छोटे व्यापार सांस ले रहे हैं. इसकी पत्तियों को सूखाकर कई लोग साबुन, फिनाइल और फ्लोर क्लिनर आदि बनाकर अपना गुजारा कर रहे हैं. वहीं कुछ लोग इसको अगरबत्ती बनाने में उपयोग कर रहे हैं. इससे बनने वाली अगरबत्ती खुश्बूदार और कम धुआं करती है.
4 महीने में तैयार होता है पौधा
यहां कि महिलाओं ने बताया कि लेमन ग्रास को तौयार होने में लगभग 4 महीने तक का समय लग जाता है. लागत की अगर बात करें तो आम तौर पर एक एकड़ की खेती में 23 हजार रुपए का खर्च आता है.
मुनाफा
मुनाफे की बात करें तो चार महीने के बाद इस फसल की कीमत 1 लाख तक हो जाती है, जिसमें किसानों को 60 हजार रुपए का लाभ होने की संभावना होती है.
सेहत के लिए लाभकारी
लेमन ग्रास को सेहत के लिए किसी वरदान की तरह माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक आज कई तरह की दवाईयों में इसका उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी एवं एंटी-फंगल जैसे गुण पाए जाते हैं.
दवाईयों के अलावा कई तरह के अन्य वस्तुओं, जैसे- कॉस्मेटिक्स और डिटरजेंट्स आदि बनाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है.