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Updated on: 29 April, 2023 12:00 AM IST
आदिवासी लोगों का खानपान

आदिवासियों का स्वस्थ और तंदरुस्त रहने का राज केवल उनका खानपान है. वह ऐसे साग व सब्जी का सेवन करते हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. उनका खानपान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है. आदिवासी ज्यादातर जंगल और जमीन से मिलने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं. जिनमें आयरन, फोलिक एसिड, एमिनो एसिड और विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है. तो, आइये स्वाद से भरपूर आदिवासियों के उन पौष्टिक खानपान पर एक नजर डालें.

मुचरी साग

आदिवासी लोग साग-पात खाने के बहुत शौकीन होते हैं. मुचरी साग औषधीय गुण से भरपूर होती है. इससे भूख बढ़ती है. 

बेंग साग

आदिवासी इसे भी बड़े चाव से खाते हैं. इससे पेट का दर्द ठीक होता है. इसे कच्चा भी खाया जाता है. इनकी पत्तियों से जूस भी बनते हैं, जो कई रोगों को दूर कर सकते हैं.

मुनगा साग

यह साग सालों भर मिलता है. इसमें कई औषधीय गुण हैं. इसे खाने से सर्दी, खांसी और ब्लड प्रेसर जैसी बीमारियां दूर रहती हैं. इसके अलावा कुछ अन्य साग भी हैं जंगलों में पेड़ पर उगते हैं. जिन्हें खाने से पेट से संबंधित सभी समस्या चुटकियों में दूर हो जाती है. वह दवा से भी तेज काम करते हैं. उनमें सनई, जिरहुल, चिमटी, ठेपा, कोयनार, बोड़ा साग आदि शामिल हैं.

गोंदली चावल

यह शुगर फ्री चावल होता है. इसे खाने से शरीर स्वस्थ रहता है. आदिवासी ज्यादातर यही चावल खाते हैं.

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मड़ुआ

मड़ुआ एक तरह का आटा होता है. जिसकी रोटी खाने से सर्दी, जुकाम और गले की खरास जल्दी ठीक होती है. यह मोटापा घटाने में भी सहायक होता है. इसमें 80 प्रतिशत कैल्श्यिम की मात्रा होती है. डायबिटीज रोगियों के लिए यह अनाज सबसे अच्छा है. इससे खून की कमी भी दूर होती है. इसके अलावा, मड़ुआ के और भी कई फायदे हैं. 

उड़द दाल

दाल में आदिवासी उड़द दाल पसंद करते हैं. इसमें कई पौष्टिक तत्व होते हैं. जो अनेक रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं. यह पाइल्स और सांस की परेशानी के लिए फायदेमंद होता है.

रुगड़ा

यह प्रोटीन से भरपूर आहार है. इसे भी खाने से कई फायदे होते हैं.

खुखड़ी

इसे खाने से शरीर में इम्युनिटी बढ़ती है. इसे दवा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इससे ह्रदय रोग, कैंसर, किडनी और डायबिटीज जैसे रोग ठीक होते हैं.

चौर चाय

यह चाय चावल से बनाई जाती है. इसे पीने से पेट के कीड़े मरते हैं. स्वास्थ्य के लिए यह फायदेमंद होता है. 

बांस का अचार

बांस को करील भी कहते हैं. इसे खाने से बच्चों की लंबाई और ताकत बढ़ती है. आदिवासी सालों से इसे खाते आए हैं. इन्हीं खानपान से उनका स्वस्थ चुस्त व तंदरुस्त रहता है. 

English Summary: Tribal food has the ability to fight disease
Published on: 29 April 2023, 03:52 IST

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