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Updated on: 17 September, 2023 12:00 AM IST
This extinct Vajradanti plant has thousands of qualities

हम सभी अपनी सेहत के लिए बहुत से उपायों को करने में कभी पीछे नहीं रहते, फिर बात चहरे पर आयुर्वेदिक लेप लगाने की हो या किसी और उपाय को अपनाने की हो. भारत प्राचीन काल से ही आयुर्वेद का घर कहा जाता रहा है. यहाँ एक से एक असाध्य रोगों के लिए आपको हर जड़ी-बूटी उपलब्ध थी. लेकिन जैसे जैसे लोगों का रुझान आयुर्वेद की तरफ से कम हुआ तो वैसे-वैसे लोगों ने आयुर्वेद से दूरी बना ली. यही कारण है कि आज भारत से ऐसी बहुत सी दुर्लभ औषधियां हैं जो पूरी तरह से विलुप्त हो चुकीं हैं या कुछ विलुप्त होने को हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे प्राचीन समय में एक से बढ़ कर एक रोगों में प्रयोग किया जाता रहा था. लेकिन अब इसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं.

वज्रदंती का पौधा

वज्रदंती एक औषधीय पौधा है. जिसका कई धार्मिक ग्रन्थों में भी जिक्र किया गया है. लेकिन आज बहुत ही कम लोग इस पौधे के बारे में जानकारी रखते हैं. भारत में यह पौधा केवल उत्तराखंड में पाया जाता है. वह भी बहुत ही कम संख्या में. अगर हम उत्तराखंड की बात करें तो यह पौधा विशेष रूप से उत्तराखंड की मद्महेश्वर घाटी में पाया जाता है. इसके बहुत से औषधीय गुण हैं. दांतों के लिए वरदान कहे जाने वाले इस पौधे को हम अगर रोजाना प्रयोग में लाते हैं. तो ग्रन्थों के अनुसार 100 वर्ष तक भी हमरे दांतों में किसी भी बीमारी के आने की संभावना समाप्त हो जाती है.

अन्य रोगों में भी है लाभदायक

वज्रदंती पौधा केवल दांतों के लिए ही नहीं बल्कि खून की कमी, डायबिटीज, पेट के कई अन्य रोगों के लिए भी बहुत लाभदायक होता है. यह सांस से सम्बंधित रोगों के लिए भी बहुत लाभदायक होता है. इस पौधे के फूल में फेनोलिक, फ्लेवोनोइड्स, इरिडोइडल और फेनिलथेनॉइड ग्लाइकोसाइड्स यौगिक पाए जाते हैं.

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साथ ही यह हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीडायबिटिक, एंटिफंगल, एंटीप्लास्मोडियल और एंटीऑक्सिडेंट जैसे तत्वों का खजाना होता है. जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक होते हैं.

English Summary: This extinct Vajradanti plant has thousands of qualities
Published on: 17 September 2023, 05:51 IST

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