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Updated on: 31 August, 2019 12:00 AM IST

हिमालय की गोद और यहां के प्राकृतिक जंगलों में कई तरह के प्राकृतिक फल पाए जाते है जो कि हमको काफी स्वाद देते है. इन फलों को पकाने का समय भी बेहद अलग होता है. यहां पर जून महीने में यह फल पककर तैयार हो जाता है जिसका नाम काफल है यह एक लोकप्रिय पहाड़ी फल है. यह मध्य हिमालय की गोद में पाया जाने वाला एक सहाबाहरी वृक्ष है. गर्मी के मौसम में काफल के पेड़ पर काफी स्वादिष्ट फल लगता है यह देखने में शहतूत की तरह होता है.

काफी ऊंचाई पर लगता है फल

काफल का पौधा अधिकतर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर पूर्वी राज्य मेघालय और पड़ोसी देश नेपाल में पाया जाता है. इसको अंग्रेजी में बेबरी कहा जाता है. यह स्वाद में खट्टे मीठे मिश्रण के लिए होता है. इसके सहारे लोगों की आय का स्त्रोत भी पैदा होता है. बाजार में काफल लगभग 50 से 60 रूपए प्रति किलो के हिसाब से बिक जाता है.

काफल के फायदे

काफल एक तरह से एक औषधीय फल होता है. यह एक जंगली फल है जो कि एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के चलते हमारे शरीर के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है, इसका फल अत्यंत रसयुक्त और पाचक होता है. फल के ऊपर विशेष प्रकार की मोम के पदार्थ की परत होती है. यह मोर्मिम मोम कहलाता है. इसको गर्मी में उबालकर पानी से अलग किया जा सकता है. यह मोम अल्सर की बीमारी में काफी सहायक होता है.

मानसिक बीमारी समेत कई रोग को दूर करें

कफल की छाल, अदरक, दालचीनी, अस्थमा, डायरिया, बुखार, पेचिस और फेफड़े ग्रस्त बीमारियों के लिए उपयोगी है. साथ ही इसके पेड़ की छाल का पाउडर जुकाम, आंख की बीमारी, खांसी, अस्थमा जैसे रोगों से मुक्ति मिल जाती है.इसके अलावा काफल दांत दर्द, कान दर्द के लिए इसका छाल काफी उपयोगी है. काफल के फूल का तेल कान के दर्द हेतु, डायरिया और लकवे की बीमारी के लिए काफी उपयोग में लाया जाता है.

English Summary: The fruit of kaphal is full of medicinal properties
Published on: 31 August 2019, 12:08 IST

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