बबूल के पेड़ को स्थानीय भाषा में देसी कीकर पेड़ के नाम से जाना जाता है. इस पेड़ की ऊँचाई मध्यम आकार की होती है. देशी कीकर पेड़ एक प्रकार का कटीला पेड़ होता है. आयुर्वेद में बबूल को उत्तम एवं प्रभावशाली औषधि माना जाता है.
इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण सभी प्रकार की बीमारियों के इलाज में बहुत ही लाभकारी होते हैं, इसलिए आयुर्वेद में बबूल यानि देशी कीकर का इस्तेमाल बहुत अधिक किया जाता है. कीकर पेड़ की पत्तियों से लेकर इसकी छाल और गूदा का इस्तेमाल हमारे शरीर को निरोगी काया देने में बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाता है. तो चलिए आयुर्वेद में देशी कीकर पेड़ के अनोखे फायदे के बारे में विस्तार से जानते हैं.
अत्यधिक पसीना आने पर (Excessive Sweating)
यदि किसी व्यक्ति को बहुत अधिक पसीना आने की शिकायत है, तो वह देशी कीकर पेड़ की पत्तियों को बाल हरड़ के साथ बराबर मात्रा में पीस कर चरण बना लें. इस चूर्ण से अपने शरीर की मालिश करे, तो जल्द ही उसे अधिक पसीने की शिकायत से छुटकारा मिलेगा.
शरीर में जलन से राहत (Body Burn Relief)
यदि किसी व्यक्ति को शरीर में किसी भी जगह जलन जैसी समस्या होती है, तो ऐसे में वह व्यक्ति देशी कीकर पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर उसमें थोड़ी मात्रा में मिश्री मिलाकर सेवन करता है, तो जल्द ही उस व्यक्ति को शरीर में जलन की समस्या से राहत मिलेगी.
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कमर दर्द से राहत (Back Pain Relief)
यदि किसी को अक्सर कमर दर्द की शिकायत रहती हो, तो ऐसे में व्यक्ति देशी कीकर पेड़ की छाल, फली एवं गोंद को बारबार मात्रा में पीसकर चूर्ण तैयार कर ले. इसके बाद इस तैयार चूर्ण को दिन में दो बार सादा पानी के साथ एक चम्मच चूर्ण की मात्रा में इसका सेवन करें, तो जल्द ही उसे कमर दर्द से राहत मिलेगी.
पेट के रोग से राहत (Relief From Stomach Problems)
यदि किसी को कब्ज, एसिडिटी, दस्त जैसी समस्या रहती है, तो ऐसे में व्यक्ति देशी कीकर पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर तैयार कर लें. इसके बाद इस तैयार काढ़े को 1-2 मिली की मात्रा में मट्ठे के साथ सेवन करें, तो जल्द ही उसे पेट सम्बंधित समस्या से राहत मिलेगी.