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Updated on: 7 July, 2023 12:00 AM IST
यह औषधीय पौधा तुरंत दूर करेगा लिवर की बीमारी

क्या आपने कभी मिल्क थिसल के बारे में सुना है? दरअसल, यह एक औषधीय पौधा है. जो कई बड़ी बीमारियों को दूर करने में सहायता कर सकता है. मिल्क थिसल का इस्तेमाल कई दवाओं को बनाने में किया जाता है. आमतौर पर यह पौधा यूरोप में पाया जाता है. लेकिन अब इसकी खेती भारत समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी की जाने लगी है. तो आइये इस खास औषधीय पौधे के बारे में विस्तार से जानें.

सदियों से होता है इसका इस्तेमाल

मिल्क थिसल का उपयोग सदियों से हर्बल उपचार के रूप में किया जाता रहा है. इससे स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ होता है. मिल्क थिसल में एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुण होते हैं. इस औषधीय पौधे का उपयोग आमतौर पर लिवर की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह लीवर सेल्स को विषाक्त पदार्थों, शराब, दवाओं और कुछ अन्य रोगों से होने वाली क्षति से बचाता है. इसके अलावा, मिल्क थिसल का उपयोग पाचन स्वास्थ्य को दुरुस्त करने में भी किया जाता है. डॉक्टर्स बताते हैं कि मिल्क थिसल कुछ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को कम करने में भी सहायक साबित होता है.

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कई रूपों में उपलब्ध होता है मिल्क थिसल

मिल्क थिसल कैप्सूल, टैबलेट, अर्क और चाय सहित विभिन्न रूपों में उपलब्ध होता है. भारी संख्या में लोग इसका सेवन करते हैं. मिल्क थिसल को इसके आकर्षक स्वरूप के कारण बगीचों में सजावटी पौधे के रूप में उगाया जाता है. इसके पौधों में सफेद संगमरमर के पैटर्न व  बैंगनी फूलों के साथ बड़ी और कांटेदार पत्तियां होती हैं. जो देखने में काफी खूबसूरत लगती हैं. खास बात यह है कि इसके पत्तियों का सब्जी के रूप में भी सेवन किया जा सकता है. लेकिन इनका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है. इन्हें सलाद के अलावा या साग के रूप में पकाया जा सकता है.

जानवरों के लिए भी लाभदायक है मिल्क थिसल

मिल्क थिसल पौधों का उपयोग पशुओं के लिए चारे के रूप में किया जाता है. गाय, बकरी और भेड़ जैसे जानवरों को मिल्क थिसल खिलाया जाता है. पौधे की पत्तियां और तने पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. यह जानवरों के स्वास्थय के लिए बेहतर माना जाता है. मिल्क थिसल (Milk Thistle) पूरे भारत में विभिन्न स्थानों पर पाया जा सकता है, लेकिन इसे प्रमुख रूप से उत्तर भारतीय राज्यों में खेती की जाती है. मिल्क थिसल की खेती भारत के कई राज्यों में होती है. जैसे कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में बड़े पैमाने पर इसके पौधे देखने को मिलते हैं.

इसके अलावा भी अन्य क्षेत्रों में मिल्क थिसल की खेती की जाती है. लेकिन, खेती के लिए उचित मिट्टी और मौसमी स्थितियों की जांच करना महत्वपूर्ण होता है ताकि पर्याप्त मात्रा में उत्पादन मिल सके. बाजार में इसके पौधों की काफी मांग है. कई बड़ी-बड़ी कंपनियां इसके लिए अच्छा खासा पैसा देने को तैयार हो जाती हैं. ऐसे में किसान अपने खेत में मिल्क थिसल का पौधा लगाने पर विचार कर सकते हैं.

English Summary: Milk Thistle useful in liver disease know important facts
Published on: 07 July 2023, 04:23 IST

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