Lemon Grass Farming: भारत के अधिकतर किसान पारंपरिक खेती से हटकर औषधीय फसलों की खेती में अपना हाथ आजमा रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं. औषधिय फसलों की खेती से किसान कम समय में अधिक कमाई कर सकते हैं. ऐसा ही औषधीय पौधों में लेमन ग्रास (Lemon Grass) भी शामिल है, किसान इसकी खेती कम पानी या बंजर जमीन पर काफी आसानी से कर सकते हैं. लेमन ग्रास की खेती करने में कम लागत आती है और इसके लिए आपको उर्वरक की भी जरूरत नहीं होती है. भारतीय मार्केट में तेल, साबुन, सैनिटाइजर और फिनाइल जैसे कई बिकने वाले प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए लेमन ग्रास का उपयोग किया जाता है.
आइये कृषि जागरण के आर्टिकल में जानें लेमन ग्रास की खेती कैसे की जाती है और इसकी उन्नत किस्में कौन-सी है.
उपयुक्त मिट्टी और जलवायु
वैसे तो लेमन ग्रास की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन पौधे के अच्छे विकास के लिए दोमद मिट्टी को सबसे बेहतर माना जाता है. किसानों को लेमन ग्रास की खेती जलभराव वाले क्षेत्र में बिलकुल भी नहीं करनी चाहिए, इसलिए इसकी खेती कम वर्षा वाले इलाकों में की जाती है. लेमन ग्रास की खेती के लिए सामान्य जलवायु अनुकूल होता है, इसके पौधे को पर्याप्त धूप देना बेहद जरूरी होता है. लेमन ग्रास के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस माना गया है.
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खेती के लिए सबसे अच्छा समय
यदि आप लेमन ग्रास की खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको खेत की दो से तीन बार अच्छी तरह से जुताई करनी चाहिए. इसके बाद आपको खेत में पुराना गोबर या खाद डालनी चाहिए. लेमन ग्रास की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय फरवरी से जुलाई के बीच माना जाता है.
लेमन ग्रास की उन्नत किस्में
लेमन ग्रास की उन्नत किस्मों में प्रगति, प्रमाण, ओ.डी-16, ओडक्कली, कृष्णा, कावेरी, जामा रोजा, आर.आर.एल.16 और सी.के.पी.25 शामिल है.
कब करें कटाई
लेमन ग्रास की फसल लगने के लगभग 3 से 5 महीने बाद पहली कटाई की जाती है. इसकी एक बार फसल लगाने के बाद 6 से 7 बार कटाई की जा सकती है. वहीं एक साल में 3 से 4 बार लेमन ग्रास की फसल की कटाई का जा सकती है. लेमन ग्रास को तोड़ने पर जब इसमें से नींबू की तेज खुशबू आने लगे तो समझ जाइये कि यह तैयार हो गया है.
लेमन ग्रास के फायदे
लेमन ग्रास के कई शारीरिक फायदे हैं, इससे कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है. लेमन ग्रास में आयरन, एंटीऑक्सीडेंट, सोडियम और पोटैशियम पाया जाता है. लेमन ग्रास माइग्रेन, सिरदर्द, खांसी-जुकाम, गंजापन और पेट संबंधी समस्याओं के लिए लाभकारी होता है.
लागत और कमाई
लेमन ग्रास की खेती करने के लिए किसान का 30 से 40 हजार रुपये का खर्च आ सकता है. लेमन ग्रास के एक लीटर तेल की कीमत मार्केट में लगभग 1,000 से 2,500 रुपये होती है. इसके अलावा लेमन ग्रास को सुखाकर इसका चाय पत्ती के रुप में भी उपयोग किया जा सकता है. किसान 1 साल में ही लेमन ग्रास की खेती करके लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं.