जबरदस्त है गहरी जुताई के फायदे, कम लागत के साथ बढ़ता है उत्पादन! 10 वर्ष पुरानी आदिवासी पत्रिका 'ककसाड़' के नवीनतम संस्करण का कृषि जागरण के केजे चौपाल में हुआ विमोचन Vegetables & Fruits Business: घर से शुरू करें ऑनलाइन सब्जी और फल बेचना का बिजनेस, होगी हर महीने बंपर कमाई Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 12 December, 2019 12:00 AM IST

अग्निमंथ  एक लंबी झाड़ी होती है. जिसमें छोटे-छोटे कांटे होते है. इसकी खेती पर एनएमपीबी द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है. आज हम आपको अग्निमंथ की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ते रहे.

जलवायु व मिट्टी

यह पौधा अधिकतर रेतीली चिकनी किस्म की भूमि में गर्म व आर्द्र जलवायु में उगता है.

रोपण सामग्री

इस पौधे को उपजाने के लिए एक साल के वर्ष के पौधे की कलम प्रजनक सामग्री के रुप में प्रयोग में लायी जाती है. इन कलमों को फसल पकने पर पेड़ों से फरवरी-मार्च माह में एकत्र कर लिया जाता है.

नर्सरी तकनीक

पौध तैयार करना

कलम पौधे उगाने के लिए प्रयोग में लाये जाते है.
कलम को पॉलिथिन के थैलों, रेत, मिट्टी और उर्वरक के मिश्रण में लगाया जाता है. कलम के स्थान पर अंकुरित जड़ों को भी लगाया जा सकता है.
कलमों को छायादार या ऐसे चैम्बरों में लगाया जा सकता है, जहां धूप सीधे न पड़ती हो. जड़ों निकलने (अंकुरण) के बाद उन्हें पॉली बैगों में लगाया जाता है.

पौध रोपण

भमि तैयार करना और उर्वरक का प्रयोग
जमीन को अच्छी तरह जोत कर नम किया जाता है.
45X45X45 सेमी.के गड्ढे बनाए जाते है. इन गड्ढों में 1:1:1 के अनुपात में रेत,मिट्टी व उर्वरक मिलाकर भरी जाती है.

पौध दर

एक हेक्टेयर जमीन में लगभग 80 हजार अंकुरित कलम लगाए जाने चाहिए.

अंतर फसल प्रणाली

हालांकि, आमतौर पर यह फसल अकेले ही उगाई जाती है, लेकिन तटीय क्षेत्रों में इसके बीच प्याज, लहसुन, आदि सब्जियों में भी उगाई जा सकती है.

संवर्धन विधियां

फसल के दौरान, बीच-बीच में जब जरुरी हो, हाथ से गुड़ाई कर खरपतवार निकालने और मिट्टी को नरम किया जाना चाहिए.

फसल लगाने के पहले छह महीने में तीन बार गुड़ाई कर खरपतवार निकालना जरुरी है.

सिंचाई

शुष्क मौसम में 15-20 दिनों के अंतराल में, विशेषकर प्रथम वर्ष में दिसम्बर से मई के बीच सिंचाई करना आवश्यक है,

फसल का प्रबंधन

पौधा खेत में कम से कम 3 साल तक रहना चाहिए.
बरसात के मौसम के बाद सितम्बर-अक्टूबर में फसल की कटाई की जानी चाहिए.

फसल कटाई के बाद का प्रबंधन

पौधे निकालने के लिए उन्हें ठीक से खोदा जाना चाहिए, ताकि जड़ों को कोई नुकसान न हो.
जड़ों को अलग-अलग करके उनकी छाल उतारी जाती है. छाल व जड़ दोनों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर छाया में सुखाया जाता है.
पौधे के इन सूखे भागों को साफ पॉलिथिन बैगों में पैक कर नमीरहित स्थान पर भंडारण हेतु रखा जाना चाहिए.

पैदावार

एक पेड़ में लगभग 500-850 ग्राम की पैदावार होती है. इस तरह एक हेक्टेयर में 1250 किलोग्राम जड़ की पैदावार हो जाती है.

English Summary: Know the techniques of advanced farming of Agnimanth
Published on: 12 December 2019, 12:26 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now