Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 4 April, 2019 12:00 AM IST
Hawthorn Trees

नागफनी एक ऐसा पौधा होता है जिसका तना पत्ते की तरह ही होता है लेकिन वह पूरी तरह से गूदेदार होता है. इसे मरूभूमि का पौधा भी कहा जाता है क्योंकि यह पौधा पानी के अभाव में उगता है. इसीलिए नागफनी के पौधे को हम सूखे क्षेत्र का पौधा भी कहते हैं. इसकी पत्तियों पर कांटे लगे होते है. यह पौधे बहुत धीरे-धीरे बढ़ते है और काफी लंबे समय तक आसानी से जीवित रहते हैं.

अगर हम इनकी प्रजातियों की बात करें तो कम से कम इसकी 25 प्रजातियां पाई जाती है. यह विशेषकर मैक्सिको, दक्षिण अमेरिका आदि में पाई जाती है. भारत में भी नागफनी या कैक्टस का पौधा आसानी से देखने को मिल जाता है. नागफनी में कैल्शियम, पौटेशियम, मैगनीशियम, मैगनीज आदि शामिल होते है. नागफनी कैलोरी में कम, वसा से भरपूर, कोलेस्ट्रोल में कम होने के साथ कई तरह के पोषक तत्वों का स्त्रोत है. इसके फलों को सुखाकर और पीसकर मवेशियों को भी खिलाया जाता है. तो आइए जानते है कि नागफनी के पौधे के कौन-कौन से फायदे और नुकसान है-

हड्डियों के लिए

नागफनी का पौधा हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है. इसमें कैल्शियम के अलावा कई उपयोगी तत्व भी मौजूद होते है. यह क्षतिग्रस्त होने के बाद मजबूत हड्डियों के निर्माण और हड्डियों की रिपेयर का एक अनिवार्य हिस्सा है.

त्वचा के लिए

नागफनी के पौधे में फाइटोकैमिकल और एंटीऑक्साइड गुण मौजूद होते है. यह बढ़ती उम्र के लक्षणों के खिलाफ एक अच्छा रक्षात्मक तंत्र है. सेलुलर चायपच के बाद मुक्त कण त्वचा पर रह जाते है जो आपकी त्वचा को प्रभावित करते है.

वजन घटाने में सहायक

यह भूख को बढ़ाने वाला हार्मोन होता है. इसमें वसा और कोलेस्ट्रोल भी बहुत कम होता है. इसमें मौजूद विटामिन बी 6, थियामीन और रिबोफ्लिविन की उपस्थिति भी पाचन कार्य जल्दी करता है .

मधुमेह

नागफनी के पत्तों से तैयार अर्क शरीर के अंदर मौजूद ग्लूकोज के स्तर के लिए शाक्तिशाली होता है. यह डायबिटीज वाले मरीजों के लिए बहुत लाभदायक है.  यह ग्लूकोज के स्तर में कम स्पाइक को पैदा कर सकता है जिससे मधुमेह को मैनेज करना आसान हो जाता है.

अनिद्रा

नागफनी में मैग्नीशियम भी होता है जो अनिद्रां, चिंता और बैचेनी से ग्रस्त लोगों में नींद को पैदा करने के लिए एक बेहद ही उपयोगी खनिज होता है. यह शरीर में सेरोटोनिन को रिलीज करने में सहायक है

सूजन कम करे

नागफनी की पत्तियों से निकाले जाने वाले रस सूजन को कम करने वाले प्रभाव को देखा गया है. इसमें गठिया, जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों में तनाव से जुड़े लक्षण भी शामिल होते है. इसके रस को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और ज्यादा फायदा लेने के लिए सब्जी के रूप में इसका प्रयोग करें.

पाचन क्रिया में सहायक

इसमें बहुत अधिक मात्रा में फाइबर होता है. पाचन क्रिया में आहार फाइबर बहुत ही आवश्यक होता है. पाचन प्रक्रिया में आहार फाइबर बहुत ही आवश्यक होता है क्योंकि यह आंतों के लिए एक बेहतरीन बल्क जोड़ होता है. यह हस्त और कब्ज के लक्षणों को भी कम करता है.

English Summary: Hawthorn tress benefits in hidden articles
Published on: 04 April 2019, 05:56 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now