फबासिए (Fabaceae) वंश से ताल्लुक रखने वाला अमलतास आपको आम तौर पर इधर-उधर देखने को मिल जाता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अमलतास कोई आम वृक्ष है. वानस्पातिक वृक्षों की श्रेणी में अमलतास की अपनी एक अलग पहचान है. आयुर्वेद में ही नहीं बल्कि इसका उपयोग यूनानी चिकित्सा प्रणाली में भी देखने को मिलता है. इसलिए ये सिर्फ डेकोरेशन के लिए नहीं, बल्कि आपके शरीर के लिए भा लाभकारी है. चलिए आज हम आपको अमलतास के बारे में विस्तार से बताते हैं.
अमलतास के कई नाम
अमलतास के कई नाम हैं, जैसे- गोल्डन शॉवर त्री, इंडियन लबुर्नुम, लैंटर्न ट्री आदि. इसके मूल स्थान को लेकर कई तरह के तर्क हैं, फिर भी आम राय यही है कि इसका पारिवारिक संबंध भारत और मलेशिया से है. इस पेड़ को लगाने का एक फायदा ये भी है कि ये कभी भी सूखता नहीं है, क्योंकि अमलतास सदाबहार होते हैं.
इसकी ऊंचाई 12.14 मीटर हो सकती है, जबकि इसके फूलों का रंग चमकीला पीला होता है, जो कि गुच्छों के आकार में लटके हुए होते हैं. इसकी पत्तियां समूह में बेलनाकार आकार में होती है. अमलतास को किसी भी मिट्टी में लगाया जा सकता है. प्राय इसके लिए सभी प्रकार की मिट्टी अनुकूल ही है. इसके पेड़ों को अगर अप्रैल-मई में लगाया जाए, तो वो सितम्बर तक पौधों की शक्ल ले लेते हैं.
बुखार दूर करने में है सहायक
अमलतास की पत्तियों को बुखार के उपचार के लिए उपयोग किया जा सकता है. मौसमी बुखार के समय ये किसी टॉनिक की तरह काम करता है. बुखार के समय इसकी पत्तियों को काढ़े के रूप में उबालकर पीने से आराम मिलता है.
जख्मों को भरने में सहायक
अगर शरीर पर गहरे घाव हो गए हैं या आपको चोट लग गई है, तो अमलतास आपके लिए फायदेमंद है. घाव को भरने में अमलतास असरदार है, घाव की ड्रेसिंग के समय इसकी पत्तियों का रस उसपर लगाना चाहिए, इससे घाव जल्दी सूखते हैं.
कब्ज से राहत
कई लोगों को कब्ज की शिकायत होती है, ऐसे में उन्हें अमलतास का सेवन करना चाहिए. इस पेड़ के पल्प से को चूरम के रूप में थोड़े मात्रा में खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है. इसी तरह अगर आपका शरीर कमोजर है, या आप थकान महसूस कर रहे हैं, तो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए इसके फलों का सेवन कर सकते हैं. इसके फल ऊर्जा के भंडार हैं.
कफ की समस्या करें दूर
कई लोगों को अक्सर कोल्ड या कफ की शिकायत रहती है, जो सर्दियों के समय तो और भी विकराल रूप धारण कर लेती है. ऐसे लोगों को पौधे की जड़ को उबालकर तैयार किए गए काढ़े का सेवन करना चाहिए. वैसे अगर आपको खांसी की शिकायत है, तो आप इसके फलों का सेवन भी कर सकते हैं.
बीजों को खाने होता है तनाव दूर
अमलतास के बीज स्वाद में हल्के मीठे होते हैं, अगर आपको ऑफिस का तनाव अधिक रहता है, तो आप इसके बीजों का सेवन कर सकते हैं. मानसिक तनाव को दूर करने में इसके बीज असरदार हैं.