जब कभी भी औषधी और प्राचीन पेड़-पौधों की बात की जाती हैं, तो सबसे ऊपर और पहले गिंको बाइलोबा के पौधे व पेड़ का नाम आता है. कहा जाता है कि यह पेड़ गिन्कोफिटा डिवीजन प्रजाति की आखिरी शाखा है, जो अब विलुप्त होती जा रही है. इस पेड़ को बहुत ही कम स्थानों पर देखा जाता है, क्योंकि यह पेड़ 300 मिलियन वर्ष से भी अधिक पुराना पेड़ है. पुराने समय से ही इस पेड़ से औषधीय बनाने के लिए उपयोग किया जाता रहा है.
गिंको बाइलोबा (जिन्कगो बिलोबा) के फायदे (Benefits of Ginkgo Biloba (Ginkgo Biloba))
- गिंको बाइलोबा का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर हैं. इसके बीज व जड़ आदि के सेवन मात्र से ही सेहत में सुधार होना शुरू हो जाता है.
- गिंको बाइलोबाकी पत्तियों को चाय में डालकर पीने से गला तो साफ होता ही है और साथ ही यह चाय की मिठास को बढ़ाता है.
- इस पेड़ में फेनोलिक यौगिक के साथ-साथ मल्टीविटामिन, एंटी इन्फ्लेमेटरी आदि भी पाए जाते हैं.
- गिंको बाइलोबा से नसों की सूजन में बहुत आराम होता है. नसों में सुकड़न और पैरों में ऐंठन भी इसे राहत मिलती है.
यह भी पढ़ेः औषधीय पौधों का विशाल भंडार है झारखण्ड के जंगल
- गिंको बाइलोबा की पत्तियों के सेवन से मनुष्य का दिल स्वस्थ रहता है. यह दिल की रक्त संचार प्रणाली को बेहतर बनाये रखता है.
- अगर किसी व्यक्ति का ध्यान काम या किसी भी अन्य कार्यों में नहीं लगता है,तो इसके सेवन से व्यक्ति की एकाग्रता को बढ़ाया जा सकता है.
- आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए व्यक्ति को गिंको बाइलोबा से बनी दवा का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसमें विटामिन सी, विटामिन ई एंटीऑक्सीडेंट गुण शामिल है.
गिंको बाइलोबा (जिंको बिलोबा) के नुकसान (Disadvantages of Ginkgo Biloba (Ginkgo Biloba))
गिंको बाइलोबा का जितना फायदे है उतने ही इसे नुकसान भी है. तो आइए अब इसके नुकसान के बारे में भी जान लेते है...
- गिंको बाइलोबा का अधिक मात्रा में सेवन करने से व्यक्ति में थायराइड, कैंसर और लिवर की समस्या हो सकती हैं.
- अगर आप इसके गिंको बाइलोबा के बीज का कच्चा या भुना हुआ सेवन करते हैं. तो यह किसी जहर से कम नहीं है.
- गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए.
- इसका सेवन अधिक करने से व्यक्ति को खुजली जैसी कई एलर्जी का सामना करना पड़ सकता है.