Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 8 November, 2021 12:00 AM IST
Medicinal Plants

औषधीय फसलों की खेती से किसानों की आय बढ़ाने के लिए देशभर में अगले एक साल में 75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में जड़ी-बूटियों की खेती की जाएगी. आयुष मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड (एनएमपीबी) अभियान इसका नेतृत्व करेगा. सरकार का कहना है कि इस कदम से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और हरित भारत का सपना भी पूरा होगा.

तेजी से बढ़ी औषधीय पौधों की मांग (Rapidly increased demand for medicinal plants)

भारत की गिनती उन गिने-चुने देशों में होती है जहां जैव विविधता बहुत समृद्ध है. यहां उगाए जाने वाले पौधे और फसलें न केवल देश की खाद्य जरूरतों को पूरा करते हैं, बल्कि ये कई औषधीय गुणों से भी भरपूर हैं. इस समय कोरोना महामारी के चलते औषधीय फसलों की मांग काफी बढ़ गई है. पिछले डेढ़ साल में न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में औषधीय पौधों की मांग में भारी वृद्धि हुई है.

लोगों ने एक बार फिर आयुर्वेद और पुराने प्राकृतिक औषधीय नुस्खों की ओर रुख किया है. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से लेकर बेहतर स्वास्थ्य तक लोग औषधीय जड़ी-बूटियों का सहारा ले रहे हैं. ऐसे में अगर किसान औषधीय फसलों की खेती से जुड़े हैं तो वे इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. औषधीय पौधों की खेती किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने में कारगर साबित हो सकती है.

औषधीय फसलें (Medicinal crops)

अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, भृंगराज, सतावर, पुदीना, मोगरा, एलोवेरा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी आदि कई जड़ी-बूटियां हैं, जिनकी खेती किसान कर सकते हैं. भारत के कई क्षेत्रों में औषधीय फसलों की भी खेती की जाती है. कुछ जड़ी-बूटी के पौधे ऐसे भी होते हैं, जो कम समय में तैयार हो जाते हैं और एक बार बोने के बाद किसानों को कई गुना अधिक उपज मिलती है. ऐसे में कम समय में आमदनी बढ़ जाती है और खर्चा बहुत कम रहता है. इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए सरकार किसानों को हर्बल पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

इस खबर को भी पढ़ें -इस औषधीय पौधे की खेती करने से होगी लाखों में कमाई!

हर्बल उत्पादों का सालाना कारोबार करोड़ों रुपये से भी अधिक (Annual turnover of herbal products is more than crores of rupees)

भारतीय बाजार में सालाना करोड़ों रुपये के हर्बल उत्पादों का कारोबार होता है. एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर्बल उत्पादों का बाजार करीब 50,000 करोड़ रुपये का है, जो सालाना 15 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. कोरोना काल से पहले 35 रुपये में बिक रही तुलसी अब 40 से 45 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है.

एलोवेरा की मांग बढ़ने से 35 रुपये प्रति किलो बिक रहा गूदा अब 40 रुपये और जूस 40 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था और अब 50 रुपये में बिक रहा है. वहीं, गिलोय के रस की कीमत बाजार में 200 से 300 रुपये प्रति लीटर है. भृंगराज पाउडर के एक किलो पैकेट की कीमत 400 से 500 रुपये है. मोगरा तेल की कीमत 1500 से 5000 रुपये प्रति किलो है. शंखपुष्पी सिरप के 450 मिलीलीटर पैकेट की कीमत 200 रुपये से 240 रुपये तक है. ऐसे में किसानों को जड़ी-बूटियों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना एक बड़ा कदम है. इससे दवाओं की उपलब्धता के मामले में भी देश आत्मनिर्भर बनेगा.

English Summary: Earn huge profits by cultivating medicinal crops
Published on: 08 November 2021, 06:08 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now