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Updated on: 5 December, 2022 12:00 AM IST
लिवर कैंसर से लड़ेगा रातरानी के पत्तों का काढ़ा, वैज्ञानिकों को मिली सफलता

कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज मुश्किल से ही हो पाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में लिवर कैंसर से हर साल 7.88 लाख लोग अपनी जान गवांते हैं. जिसके इलाज को लेकर विश्व के कई बड़े देश कई सालों से इस पर रिसर्च कर रहे हैं. 

इसी बीच बीएचयू, आइआइटी-बीएचयू, रूस और रोमानिया के वैज्ञानिकों ने एक उपलब्धि हासिल की है. वैज्ञानिकों ने लिवर कैंसर के लिए रातरानी के पत्तों के काढ़े को रामबाड़ इलाज माना है.

रातरानी पौधे में छिपा कैंसर का इलाज

इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज छिपा हुआ है. भारत में आयुर्वेद का इतिहास सदियों पुराना है. एक बार फिर बीएचयू, आइआइटी-बीएचयू, रूस और रोमानिया के वैज्ञानिकों ने शोध कर पाया कि रातरानी के पत्तों का काढ़ा पीने से कैंसर की कोशिकाएं बढ़ने से रुक जाती हैं तथा कैंसर को अप्रभावी बनाती हैं.

लैब में तैयार किया पौधा

विज्ञानिकों ने अपने शोध में ऐसे पांच प्रमुख जीन का पता लगाया जो लिवर कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करते हैं. इन जीन पर रातरानी के पत्तों के काढ़े का अध्ययन किया गया, तो परिणाम में उन्होंने पाया कि कैंसर की कोशिकाएं निष्क्रिय हुईं. बता दें कि यह रातरानी के पौधे को लैब में टिशू कल्चर विधि से तैयार किया गया, जिसे बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के हर्बल गार्डन में लगाया गया है.

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ये हैं लिवर कैंसर के प्रमुख कारक

लिवर कैंसर पर रिसर्च कर रही टीम ने पाया कि लिवर कैंसर के लिए 1800 कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें से 5 प्रमुख हैं ईएसआरआइ, जेनएन, एकेटी-1, टीपी-53 और सीएएसपी-3. ये पांच प्रमुख कारक ही कैंसर को बढ़ने में सहायता करते हैं. इनको निष्क्रिय होने से रोकने वाला तत्व है एपीजेनिन. वैज्ञानिकों ने इसका परीक्षण चुहों पर किया और सकारात्मक प्रभाव आए, जो कि विज्ञान व आयुर्वेद की जीत है. अब उम्मीद है कि बहुत जल्द लिवर कैंसर से लड़ने के लिए दवा को लॉन्च किया जा सकता है.

English Summary: Decoction of Ratrani leaves will fight liver cancer
Published on: 05 December 2022, 05:01 IST

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